धान की खेती करने वाले लाखों किसानों के लिए आई बड़ी खबर, जानिए कब से शुरू होगी खरीदारी।

Parmod Kumar

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हरियाणा में इस साल धान की खरीद के लिए 199 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. सरकार पहले 25 सितंबर तक इसे पर्याप्त मानकर चल रही थी, लेकिन बारिश की वजह से खरीद शुरू करने तारीख आगे बढ़ा दी गई. केंद्र सरकार ने 30 सितंबर को बताया कि पंजाब और हरियाणा में खरीफ धान की खरीद 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी हैं क्योंकि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण फसल पकने में देरी हुई है. पंजाब में वर्ष 2021-22 के खरीफ विपणन सत्र के लिए धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होनी थी, जबकि हरियाणा में आधिकारिक तौर पर 25 सितंबर से यह काम शुरू हुआ था.

अब अधिकारियों ने धान की भारी आवक का अनुमान लगाया है. जिसकी वजह से 72 अतिरिक्त खरीद स्थलों की भी पहचान की गई है. यदि खरीद मौजूदा 199 केंद्रों पर भारी मात्रा में आवक होगी तो इन अतिरिक्त स्थलों का उपयोग भी धान की खरीद के लिए किया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि करीब चार लाख किसानों (Farmers) को धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने का अनुमान है. हरियाणा सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21 में सिर्फ 56.55 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद की थी. जबकि 2019-20 64.29 लाख मिट्रिक धान खरीदा गया था. अधिकारियों को इस बार भी 2019-20 की तरह आवक का अनुमान है.

धान की खरीदारी कौन सी एजेंसी करती है?

खरीद का काम, केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा राज्य एजेंसियों के साथ किया जाता है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह बताया गया है कि पंजाब और हरियाणा में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण धान के पकने में देरी हुई है. बयान में कहा गया है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए और उन्हें किसी भी असुविधा से बचाने के लिए, मंत्रालय ने फैसला किया है कि इन दोनों राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत धान की खरीद 11 अक्टूबर से शुरू होगी. सभी एजेंसियों को पंजाब और हरियाणा में 11 अक्टूबर से धान की खरीद के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं.

बाजरे के लिए कितने किसानों का रजिस्ट्रेशन

खरीफ -सीजन 2021 में बाजरा (Millet) बिक्री के लिए 2 लाख 71 हजार किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora Portal) पर पंजीकरण करवाया है. इसमें से लगभग 8 लाख 65 हजार एकड़ भूमि पर बाजरे का सत्यापन हुआ है. खरीद शुरू होते ही किसानों के खातों में डीबीटी (DBT) के माध्यम से 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर औसत उपज के अनुसार भुगतान कर दिया जाएगा. यह भुगतान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सत्यापित किसानों को ही किया जाएगा.

सात फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी सरकार

राज्य सरकार ने बताया कि मौजूदा खरीफ सीजन में सात फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी. इनमें धान, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर, तिल और मूंगफली शामिल है. धान, मूंग और मक्का की खरीद 1 अक्तूबर होने वाली थी, लेकिन बारिश की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका है. जबकि मूंगफली की खरीद 1 नवंबर से शुरू होगी. प्रदेश में बाजरे की खरीद के लिए 86, मूंग की खरीद के लिए 38, मक्का के लिए 19 तथा मूंगफली की खरीद के लिए 7 खरीद केंद्र बनाए गए हैं.

पहली बार इन फसलों की भी होगी खरीद

राज्य सरकार पहली बार अरहर, उड़द और तिल की खरीद भी करने जा रही है जो 1 दिसंबर से शुरू होगी. किसानों को बाजरे के स्थान पर तिलहन और दलहन जैसे कि मूंग, अरहर, अरंडी, मूंगफली जैसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. बाजरे के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने और कुल बाजरे का उत्पादन कम करने वाले किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा.

हरियाणा में रजिस्ट्रेशन

किसान अपने नजदीकी कामन सर्विस सेंटर पर जाकर फसलों का पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकते हैं. फसलों के पंजीकरण के लिए परिवार पहचान पत्र होना जरूरी है. अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क कर सकते हैं. जींद मार्केट कमेटी सचिव संजीव कुमार ने बताया कि जिन किसानों ने पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें पंजीकरण का मौका दिया गया है. समर्थन मूल्य पर फसलें बेचने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है.

मध्य प्रदेश में रजिस्ट्रेशन

किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया गया है. किसान अब अपना रजिस्ट्रेशन डाटा एंट्री के अलावा एमपी किसान ऐप, प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं एवं विगत खरीफ वर्ष में खरीद करने वाले महिला स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ (FPO) द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र से भी करा सकेंगे. इसके अलावा सिकमीदार एवं वनाधिकार पट्टाधारी अपना पंजीयन समिति, एफपीओ, महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित केंद्रों में ही यह काम करा सकेंगे.

उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन

उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीद (Paddy procurement) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में आप अगर उत्तर प्रदेश में रहते हैं और सरकारी दर पर धान बेचना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे पहले तो आपको उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जाकर रजिस्ट्रेशन (Registration) की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.