धान की खेती करने वाले किसानों के लिए आई बड़ी खबर सरकार ने जारी किए नए नियम।

Parmod Kumar

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खाद्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने केंद्र द्वारा खरीदे जाने वाले खाद्यान्नों के लिए समान विनिर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों की उपज की बिना किसी रोक-टोक के खरीदारी हो. सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम और अन्य खरीद एजेंसियों को दिये गये नियम-निर्देशों के मुताबिक किसानों से अनाज खरीदने के लिए कहा गया है. एजेंसियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से बिना किसी परेशानी के खरीद करने को कहा गया है.

मध्य प्रदेश में धान का रकबा 10.69 लाख, तेलंगाना में 8.19 लाख और झारखंड में 1.73 लाख हेक्टेयर बढ़ा है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा में भी धान के रकबे में बढ़ोतरी हुई है.

इन राज्यों में धान के रकबे में गिरावट

हालांकि, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में गिरावट दर्ज की गई है. गुजरात और राजस्थान में कम बारिश के कारण दलहन और मक्का की खेती का रकबा घटा, लेकिन धान की रोपाई में तेजी ने कुल खरीफ रकबे में कमी को कम करने में मदद की है.

कुल खरीफ रकबा अब 1,081.50 लाख हेक्टेयर है, जो एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 1,094.01 लाख हेक्टेयर से थोड़ा कम है. राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में इस सप्ताह बारिश में तेजी आने से देर से बोई जाने वाली फसलें, विशेषकर दलहनों के क्षेत्र में वृद्धि हो सकती है.

क्या है सरकार की तैयारी

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पहली बार, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने ग्रेड-ए और सामान्य चावल के फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से संवर्धित किये गये) चावल कर्नेल (एफआरके) के लिए समान विनिर्देश जारी किए गये हैं.

पोषक तत्व संवर्धित चावल के स्टॉक की खरीद के मामले में, एफआरके (डब्ल्यू/डब्ल्यू) का एक प्रतिशत सामान्य चावल स्टॉक के साथ मिश्रित किया जाना है.

विभाग ने आगामी खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के लिए केंद्रीय पूल की खरीद के लिए खाद्यान्न खरीद के लिये यह निर्देश जारी किए. खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर से अगले साल सितंबर तक चलता है.

मानक प्रथा के अनुसार ये विनिर्देश धान, चावल और अन्य मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी के संबंध में जारी किए गए हैं.

बयान में कहा गया है, “राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि किसानों के बीच इन विनिर्देशों का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और उनकी उपज को अस्वीकृत किये जाने की स्थिति से पूरी तरह से बचा जा सके.

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीद (Paddy procurement) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में आप अगर उत्तर प्रदेश में रहते हैं और सरकारी दर पर धान बेचना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे पहले तो आपको उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जाकर रजिस्ट्रेशन (Registration) की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कुल 6 स्टेप में है. ये वैसे है तो बहुत आसान है, लेकिन आपको सावधानी भी बरतनी पड़ेगी. तो आइये रजिस्टेशन की पूरी प्रक्रिया सरल शब्दों में समझते हैं.

इन दस्तावेजों का होना जरूरी
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले किसान भाई इन दस्तावेजों को अपने पास रख लें-

-आधार कार्ड
-खतौनी
-बैंक का पहला पेज जिसमें खाता नंबर की सही जानकारी अंकित हो।
-एक पासपोर्ट साइज की फोटो
-पहचान पात्र

ये है पंजीकरण की प्रक्रिया
– रजिस्ट्रेशन के लिए किसान भाइयों को इस वेबसाइट पर जाना होगा.
– इसके बाद एक-एक करके पंजीकरण की प्रक्रिया को फॉलो करना होगा.
– शुरू करने से पहले होम पेज पर दिये गए सभी दिशा-निर्देशों को ठीक से पढ़ लें.

स्टेप- 1
वेबसाइट पर सबसे ऊपर बाएं साइड का पहला टैब है स्टेप-1 पंजीकरण प्रारूप. किसान भाई जैसे ही इस पर क्लिक करेंगे, रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) फॉर्म खुलकर आ जायेगा. इसका प्रिंट निकाल लें। इसमें किसान के बारे में पूरी जानकारी, तहसील, जमीन का रकबा आदि भरने होंगे.

स्टेप- 2
इस चरण में पंजीकरण प्रपत्र होगा. किसान भाई इसमें अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि भरेंगे. किसान की भूमि का विवरण भी भरना होगा. किसान का नाम हिंदी और अंग्रेजी में भरना होगा.

स्टेप- 3
तीसरा स्टेप है पंजीकरण ड्राफ्ट. इस चरण में आप अब तक भरी गयी सभी जानकारी को देख सकते हैं और इसे ड्राफ्ट में सेव भी कर सकते हैं.

स्टेप -4
इस चरण में आप अपने आवेदन में एडिट (संशोधन) कर सकते हैं. कोई गलती हो गयी हो तो उसमें सुधार कर सकते हैं.

स्टेप -5
ये बहुत ही महत्वपूर्ण स्टेप है. इसमें आपको अपने पंजीकरण को लॉक करना होगा. लॉक करने के बाद ही पंजीकरण मान्य जायेगा.

स्टेप -6
छठवां और आखिरी चरण है प्रिंटआउट निकालना. प्रिंट निकालकर पंजीकरण संख्या नोट कर लें.