हरियाणा में बड़ा धान घोटला: सील की गई राइस मिलों को एजेंसियों ने आवंटित कर दिया करोड़ों का धान, पढ़ें रिपोर्ट

lalita soni

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हरियाणा में बड़ा धान घोटाला होने की बात सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार सरकारी खरीद एजेंसी वेयर हाउस ने तीन राइस मिलों को लगभग एक लाख 70 हजार क्विंटल धान मिलिंग के लिए दे दिया। जबकि विभाग ने इन राइस मिलों को सील कर रखा था।

Big paddy scam in Haryana, Agencies allotted paddy worth crores to sealed rice mills

चीका अनाज मंडी में फर्जी गेट पास काटकर किए गए करोड़ों रुपये के धान घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि एक और बड़ा धान घोटाला सामने आया है। मामले में प्रदूषण विभाग की ओर से सील किए पांच राइस मिलों को सरकार की दो खरीद एजेंसियों ने मिलिंग के लिए करोड़ों रुपये का धान दिया है। इसमें अधिकारियों और राइस मिल मालिकों की मिलीभगत उजागर हुई है। दूसरी ओर संबंधित एजेंसियों के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि प्रदूषण विभाग की ओर से राइस मिलों को सील करने संबंधी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

नियमानुसार सील की गई राइस मिलों में नहीं की जा सकती मिलिंग
दरअसल, गत 19 अक्तूबर को प्रदूषण विभाग की टीम ने चीका में राइस मिलों की जांच की थी। इस दौरान पाया गया था कि चार राइस मिल मालिकों ने ना तो विभाग से मंजूरी ली है और न ही ये राइस मिल विभाग की शर्तों को पूरा कर रहे हैं। इसके चलते विभाग ने इन राइस मिलों को सील कर दिया था। ऐसे में नियमानुसार ये राइस मिलें धान की मिलिंग नहीं कर सकतीं।
उधर, सील किए जाने के बावजूद सरकारी खरीद एजेंसी वेयर हाउस ने तीन राइस मिलों को लगभग एक लाख 70 हजार क्विंटल धान मिलिंग के लिए दे दिया। इसी प्रकार से दूसरी खरीद एजेंसी फूड सप्लाई ने भी सील किए गए दो राइस मिलों को लगभग 80 हजार क्विंटल धान मिलिंग के लिए दे दिया है। अब सवाल ये खड़ा होता है कि प्रदूषण विभाग द्वारा सील की गई राइस मिलें जब धान की मिलिंग ही नहीं कर सकतीं तो उन्हें खरीद एजेंसियां धान कैसे दे सकती हैं।

अब खरीद एजेंसियों ने दी सफाई, बोले- उन्हें संबंधित मिलों के बारे में नहीं दी गई कोई जानकारी

प्रदूषण विभाग की तरफ से सील की गई चीका के तीन राइस मिलों को एक लाख 70 हजार क्विंटल धान देने वाली खरीद एजेंसी वेयर हाउस के इंस्पेक्टर विकास हुड्डा ने बताया कि प्रदूषण विभाग ने तीन राइस मिलों को सील करने के संबंध में उनके विभाग को कोई सूचना नहीं दी है। यदि संबंधित राइस मिलें धान की मिलिंग नहीं कर पातीं तो किसी अधिक लिमिट वाली राइस मिल को यह धान शिफ्ट कर दी जाएगी। सरकार धान का पूरा चावल हर हाल में वापस लेगी।

वहीं, सील किए गए दो राइस मिलों को धान देने वाली दूसरी खरीद एजेंसी फूड सप्लाई के इंस्पेक्टर जयभगवान ने कहा कि राइस मिलों को सील किए जाने के संबंध में उनके विभाग को कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि हरियाणा सरकार किसी निष्पक्ष एजेंसी से इस मामले की जांच करवाए तो चीका मंडी में हुए फर्जी गेट पास घोटाले के बाद एक और बड़े धान घोटाले से पर्दा उठ सकता है।

अधिकारी के अनुसार

बीते 19 अक्तूबर को चीका में की गई जांच में चार राइस मिलें प्रदूषण विभाग के नियमों पर खरा नहीं उतरीं, जिसके चलते उन्हें सील किया गया है। जब तक ये राइस मिल विभाग की शर्तें पूरी नहीं करतीं, तब तक संबंधित राइस मिलों में मिलिंग नहीं की जा सकती। वहीं एक राइस मिल इससे पहले भी विभाग ने सील किया है, जिन्हें मिलिंग के लिए धान आवंटित किया गया है।