हरियाणा में 51 फीसदी आबादी दलितों व पिछड़ों की है। अंत्योदय परिवारों की संख्या भी इसी वर्ग में सबसे ज्यादा आती है। विपक्ष के जातीय राजनीति के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए पार्टी का फोकस इसी वर्ग पर रहने वाला है।
करनाल में भाजपा के अंत्योदय सम्मेलन ने मिशन 2024 का एजेंडा सेट कर दिया है। केंद्र व हरियाणा में तीसरी बार डबल इंजन की सरकार बनाने में जुटी पार्टी गरीब कल्याण पर ही दांव लगाएगी। रैली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पूरा फोकस अंत्योदय परिवारों (बीपीएल) पर ही रहा।
सरकार ने एक साथ पांच योजनाएं लांच की। साथ ही हरियाणा आय वृद्धि बोर्ड का गठन कर यह भी जता दिया कि भविष्य में भी उनके केंद्र बिंदु पर बीपीएल परिवार रहेंगे। अगले साल चुनावी समर उतरने से पहले पार्टी बीपीएल परिवारों के लिए कई योजनाएं लांच कर सकती है। चिरायु व परिवहन योजना के बाद अब सरकार गरीब परिवारों को दिए जाने वाले एक लाख मकानों की योजना को जोर-शोर से लांच करेगी। इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है।
51 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग
हरियाणा में 51 फीसदी आबादी दलितों व पिछड़ों की है। अंत्योदय परिवारों की संख्या भी इसी वर्ग में सबसे ज्यादा आती है। विपक्ष के जातीय राजनीति के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए पार्टी का फोकस इसी वर्ग पर रहने वाला है। जानकार कहते हैं कि कई चुनावों में गरीब कल्याण के एजेंडे को लेकर चली मोदी सरकार को मजबूत बढ़त मिली है। लाभार्थी भाजपा का नया वोट बैंक तैयार हुआ है।
मोदी मंत्र से सीख लेते हुए सीएम मनोहर लाल का भी हर बैठक व कांफ्रेंस में लाभार्थियों पर ही फोकस रहता है। लाभार्थियों को भी घर बैठे कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है। जनसंवाद कार्यक्रमों में भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अच्छा फीडबैक मिला है कि सरकार की सबसे ज्यादा योजनाओं का लाभ बीपीएल परिवारों को मिल रहा है। आत्मविश्वास से भरी पार्टी ने अब गरीब कल्याण के एजेंडे को अपने भावी चुनावी अभियानों का मुख्य मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है। पार्टी अब खुद को गरीबों की पार्टी के रूप में पेश करेगी। इस क्रम में यदि उसके कुछ समर्थक छूट जाते हैं तो उसकी कोई खास परवाह नहीं है। पिछले दिनों गैर जाट प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने यह बात साबित करने की भी कोशिश की है।
हुड्डा पर फिर क्यों साधा निशाना
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फिर से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा है। इससे पहले उन्होंने सिरसा की रैली में हुड्डा पर कई आरोप लगाए थे। दरअसल शाह एक तीर से दो निशाना साध रहे हैं।
पहला, हुड्डा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर वह संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था और भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़कर सीधे लाभार्थियों को लाभ दे रही है। दूसरा, वह हुड्डा के सहारे गैर जाट वोट को साधने में जुटे हैं। अगले चुनाव में भी भाजपा का मुख्य फोकस गैर जाट वोटों पर है।