सत्तारूढ़ बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को आगामी लोकसभा चुनाव में सरपंचों की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। सरपंच एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आचार संहिता के लागू होने से पहले उनके अधिकार बहाल नहीं होते हैं तो लोकसभा चुनाव में विरोध किया जाएगा। प्रदेश के सरपंचों द्वारा इंडिया गठबंधन को वोट डलवाए जाएंगे।
मंगलवार को सरपंच एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सिंह गिल ने मीडिया से बात करते हुए राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा में सरपंचों के अधिकार छीन लिए गए हैं। सरपंच अपने गांव में लाइब्रेरी नहींं खुलवा सकते पौधे तक नहीं लगवा सकते। ऑनलाइन टेंडर के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। केवल चहेतों को ठेके दिलाए जा रहे हैंं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में विकास ठप है।
गिल ने सरकार पर लालच देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो हमें टेंडर के लिए अप्लाई करने के लिए कहते हैं। हम सरपंच हैं कोई ठेकेदार नहीं। असल में इनकी नजर पंचायती राज के तहत आने वाली राशि पर है। टेंडर देने के नाम पर जमकर कमीशनखोरी हो रही है।
रणबीर सिंह गिल ने सरकार को चेताते हुए कहा कि आचार संहिता लगने से पहले सरपंचों के सभी अधिकार बहाल हों। सरपंचों को सभी शक्तियां वापस दी जाएं अन्यथा सरपंच इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट डलवाएंगे। रणबीर सिंह ने कहा कि उनके द्वारा पूरे प्रदेश मे ब्लॉक स्तर पर दौरा किया जाएगा और बूथ स्तर पर सरपंच एसोसिएशन सरकार के खिलाफ वोट डलवाएगी। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के लोगों ने सरेआम मंच पर पंचायतों के अधिकार वापस देने की घोषणा भी की है। इसलिए हम उनका राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर समर्थन करेंगे।
हरियाणा में 6228 सरपंच और 62 हजार से अधिक सरपंच हैं। लोकसभा चुनाव में इनकी नाराजगी सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन को भारी पड़ सकती है।