पंचकूला बैठक से पहले भाजपा को मिल सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली से चंडीगढ़ तक बढ़ीं गतिविधियां

parmod kumar

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प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी दिल्ली में हैं। बुधवार रात को उनकी शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात भी हुई थी। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने भी बुधवार शाम शाह से मुलाकात की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अभी सीएम नायब सिंह सैनी के पास है। वह राज्य के साथ पार्टी को भी संभालने में जुटे हैं।

मगर शीर्ष नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी अब किसी नए जिम्मेदार व्यक्ति को देना चाहता है। इसमें कई लोग लाइन में हैं। इसमें पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला, ओम प्रकाश धनखड़ समेत कई दिग्गज नेता शामिल हैं। पार्टी जब से हरियाणा में सत्ता में आई है, तभी से प्रदेश अध्यक्ष की कमान जाट बिरादरी को और सीएम की कुर्सी पर गैर जाट बिरादरी के व्यक्ति को बैठाती आई है। मगर नौ महीने पहले पार्टी ने बड़ा फेरबदल करते हुए ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर नायब सिंह सैनी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। धनखड़ जाट बिरादरी से आते हैं।
पार्टी पुरानी नीति पर लौटती है या फिर करेगी नया प्रयोग
प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर भाजपा के अंदर काफी जोर-आजमाइश चल रही है। सूत्रों का दावा है कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष भी उनकी पसंद का हो। शीर्ष नेतृत्व को उन्होंने कई नाम सुझाए हैं, जिनमें कृष्णलाल पंवार, सुभाष बराला, अरविंद गौड़, संजय भाटिया, मनीष ग्रोवर व कृष्ण बेदी शामिल हैं। ये सभी मनोहर के करीबी हैं।

वहीं, दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, सुधा यादव का नाम पार्टी अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। अब पार्टी को तय करना है कि वह अपनी पुरानी नीति आकर किसी जाट बिरादरी के नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपती है या दलित या ब्राह्मण समुदाय के नेता को प्रदेश की जिम्मेदारी देकर नया प्रयोग कर सकती है। वहीं, सूत्रों का दावा है कि पार्टी एक ऐसे नेता को कमान देना चाहती है जिस पर सभी की सहमति हो। उसके नाम पर न केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत को कोई एतराज हो और न ही अनिल विज को कोई परेशानी हो।