शायद यही वजह है कि किसी पर आंच न आ जाए इसलिए एफआईआर से बारूद का गोदाम गायब कर दिया गया। लेकिन ये मौतें इंसाफ मांग रही हैं।
ऊपर पटाखों का गोदाम। नीचे साबुन फैक्टरी। सैकड़ों किलो बारूद के बीच रोज की रोटी कमाते गरीब। क्या ये सिर्फ हादसा है… नहीं। अगर मौके पर सिर्फ साबुन की फैक्टरी होती और धमाका हो जाता, तो ये हादसा था। लेकिन पटाखों के बारूद की चपेट में आकर पांच लोग मर गए हैं। इससे साबित हो जाता है कि शहर में बारूद का गोदाम का चल रहा था। शायद यही वजह है कि किसी पर आंच न आ जाए इसलिए एफआईआर से बारूद का गोदाम गायब कर दिया गया। लेकिन लहू इंसाफ मांगता है।