हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव डोहर में लड़की की शादी से पहले उसका बनवारा धूमधाम से निकाला गया। बनवारे की खास बात यह रही कि लड़की को लड़कों की तरह सफेद घोड़ी पर बैठाकर गांव में घुमाया गया। वहीं लड़की को तलवार भी भेंट की गई। घुड़चढ़ी के दौरान लड़की ने घोड़ी पर बैठकर तलवार लहराई लहराया। लड़की को झांसी की रानी का गेटअप भी दिया गया। बता दें कि अमीषा MSC केमिस्ट्री की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि दूल्हा पोस्ट ग्रेजुएट है और वर्तमान में सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है।
रानी की तरह किया गया स्वागत
शादी से पहले अमीषा को घोड़ी पर बिठाकर डीजे की धुनों के साथ पूरे गांव में बनवारा घुमाया गया। परिजन, भाई, दोस्तों औरगांववालों ने झूम-झूमकर डांस किया और अमीषा का स्वागत रानी की तरह किया। बनवारा निकालने के समय गोसेवक पंडित आनंद शास्त्री ने घोड़ी पर बैठी हुई मनीषा को तलवार भेंट की। आनंद शास्त्री ने बताया कि अमीषा को तलवार भेंट कर उन्हें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की तरह दिखाया गया है। जो इस बनवारे का मुख्य आकर्षण रहा। उन्होंने कहा कि घोड़ी पर बैठी दुल्हन अमीषा को तलवार भेंट कर नारी शक्ति को प्रोत्साहित करने का उन्होंने संदेश दिया है। शास्त्री ने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, इसलिए उन्हें शक्ति और सम्मान दोनों प्रदान किए जाने चाहिए। वे घोड़ी पर बैठी पूरी झांसी वाली रानी लक्ष्मीबाई लग रही थी।
बड़े भाई ने दिया बनवारा
अमीषा को उनके बड़े भाई पंकज ने बनवारा दिया, जो स्वयं गायसेवा से जुड़े हुए हैं। पंकज के साथ-साथ गांव डोहर के आनंद शास्त्री भी गौ सेवा से संबंध रखते हैं। आनंद शास्त्री शादी समारोह में लड़की के परिवार के पंडित के रूप में मौजूद थे। बनवारे में लड़की के पिता सज्जन सिंह और मां बबीता देवी भी रही। भाई ने कहा कि दोनों भाई बहन बड़े लाड़ के साथ पले हैं, अब बहन बनवारे में भी पीछे क्यों रहे। अमीषा का बनवारा निकलते समय गांव में उत्साह देखने लायक था। लोगों ने ढोल–नगाड़ों, डीजे और पारंपरिक वेशभूषा के साथ गांव का चक्कर लगाया। बेटी को घोड़ी पर बिठाकर तलवा रथमाने की इस अनोखी परंपरा ने न केवल कार्यक्रम को भव्य बनाया बल्कि समाज में महिलास म्मान और सामर्थ्य का संदेश भी दिया।











































