बीते कुछ दिनों में हरियाणा में एक के बाद एक सियासी उलटफेर से राजनीति गरमा गई है। भाजपा और जजपा के गठबंधन से नाराज चल रहे पूर्व आईएएस व सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली। इसके बाद सियासी समीकरण कुछ ऐसे बदले कि भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट गय़ा, जिसके बाद सूबे के मुखिया रहे मनोहर लाल ने पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भाजपा आलाकमान ने नायब सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया।
अब कभी सत्ताधारी दल का हिस्सा रहे बृजेंद्र सिंह व संपूर्ण जेजेपी विपक्ष की भूमिका में आ गए हैं। चर्चाएं ऐसी हैं कि जिस हिसार लोकसभा सीट से बृजेंद्र सिंह सांसद वहीं दुष्यंत चौटाला भी लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि कि कुछ जानकारों का कहना है कि वह सोनीपत से कांग्रेस के टिकट से ताल ठोक सकते हैं।
सांसद सिंह आज भाजपा छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के बाद पहली बार हरियाणा के बहादुरगढ़ शहर में पहुंचे। इस दौरान उनका कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर कांग्रेस में शामिल हुए बृजेंद्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन, अग्निपथ स्कीम, अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवानों की अनदेखी के बाद मैंने भाजपा छोड़ने का फैसला लिया।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से 2-4 दिन पहले मुख्यमंत्री का बदला जाना दर्शाता है कि भाजपा की स्थिति हरियाणा में ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे इस्तीफे के बाद भाजपा की स्थिति खुल कर सभी के सामने आ गई है। बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति हरियाणा में पूरी तरह मजबूत है।
आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी और जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा से उनकी विचारधारा मेल नहीं खा रही थी। इसलिए भाजपा से किनारा किया। उन्होंने कहा कि वे आईएएस का पद छोड़कर राजनीति में इसलिए आए थे कि जनता की सेवा कर सकें, लेकिन ऐसी जगह नहीं रह सकता। जहां पर हमेशा तनाव और असहजता महसूस करूं। उन्होंने कहा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व को सीएम बदलने का फैंसला 8-10 महीने पहले ही ले लेना चाइए था।