तिहाड़ के साढ़े 9 साल में भाई खोया, पार्टी टूटी, पत्नी बिछ्ड़ी फिर भी ‘धुरी’ बने चौटाला!

Parmod Kumar

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को 22 जनवरी 2013 को जेबीटी भर्ती प्रकरण में 10 साल की सजा हुई, आज चौटाला तिहाड़ से रिहा होकर अपने घर पहुंचे, इनेलो कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया, ढोल बजाये, मिठाई बांटी और उनकी गाड़ी के आगे जमकर नाचे, दरअसल, हरियाणा की राजनीति की धुरी कहे जाने वाले चौटाला ने इस साढ़े नौ साल के अंतराल में बहुत कुछ खोया और पाया, जब जेल गए तो हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे, उस वक्त 32 सीटें थी इनेलो के पास, जेल जाने के बाद लोकसभा चुनावों में इनेलो ने सिरसा और हिसार की सीट जीती, उनके पोते दुष्यंत चौटाला हिसार के एमपी बने, उसके बाद 2014 में विधानसभा का चुनाव हुआ तो उनकी पार्टी 20 सीटों पर सिमट गयी, प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, फिर 2018 में इनेलो दोफाड़ हुई, उनके बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला और उनके बेटों ने अलग पार्टी बना ली, जननायक जनता पार्टी का गठन जींद में हुआ, उसके बाद जींद उपचुनाव में जीत से थोड़ी दूर रहे दिग्गविजय सिंह और फिर तुरंत हुए लोकसभा चुनाव में इनेलो और जेजेपी एक भी सीट नहीं जीत पायी, सभी 10 सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा, अगले 2019 के विधानसभा चुनावों में जेजेपी 10 सीटें और इनेलो ने सिर्फ ऐलनाबाद की सीट जीती, चौटाला के तिहाड़ में चले जाने के बाद इनेलो 32 से 1 पर पहुंच गयी, इसके साथ इसी बड़े अंतराल में उन्होंने अपने छोटे भाई प्रताप सिंह चौटाला को खोया, उसके बाद ओमप्रकाश चौटाला के पीड़ादायक क्षण जब धर्मपत्नी स्नेहलता का निधन हुआ, लेकिन जेल में रहते उन्होंने अपने तीन पोतों दुष्यंत चौटाला, कर्ण चौटाला और अर्जुन चौटाला की शादी की, तीनों शादियों में खुद आशीर्वाद देने पहुंचे, अब चौटाला की रिहाई के बाद हरियाणा के राजनितिक समीकरण बदलेंगे ऐसा उनके बेटे अभय सिंह चौटाला ने कहा है, दूसरी पार्टियों में भड़दड मचेगी, अब सभी राजनितिक दलों की नजरें ओमप्रकाश चौटाला पर लगी हुई है, देखिये ये रिपोर्ट प्रमोद कुमार के साथ वीडियो जर्नलिस्ट चरण सिंह