सीएए से पड़ोसी देशों से घुसपैठिए आएंगे, यह देश के लिए खतरनाक केजरीवाल का अमित शाह को जवाब

Parmod Kumar

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सीएए पर अपने बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया के जवाब में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘गृह मंत्री ने अपने बयान में मेरे द्वारा उठाए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि केजरीवाल भ्रष्ट हैं। मैं महत्वपूर्ण नहीं हूं। उनसे पूछिए- जब हम अपने ही लोगों को रोजगार देने में सक्षम नहीं हैं, तो पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को रोजगार और आवास कैसे देंगे? सीएए के कारण जो पलायन होगा, वह विभाजन के दौरान हुए पलायन से भी बड़ा होगा।’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अपना धैर्य खो बैठे हैं (आपा खो बैठे हैं)। उन्हें नहीं पता कि ये सभी लोग पहले ही भारत में आ चुके हैं और रह रहे हैं। अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे क्यों बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते, रोहिंग्याओं का विरोध क्यों नहीं करते? वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के बारे में तो ये नहीं बोलते। वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।’

नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है। नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था।

नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है। आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है।

कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।