राजस्थान में जारी कलह को समाप्त करने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला।

Parmod Kumar

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राजस्थान कांग्रेस में जारी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद अभी भी थमा नहीं है. लेकिन पार्टी आलाकमान ने बीच का रास्ता लगभग निकाल लिया है है. राजस्थान में जारी कलह को समाप्त करने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला किया है. ताकि दोनों गुट संतुष्ट हो सके. राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार में निर्दलीय और बहुजन समाज पार्टी से विधायकों को भी मौका मिलने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक बीएसपी से आए एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. तो वहीं 2 निर्दलीय विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.

पायलट समर्थकों की होगी एंट्री

सूत्रों के मुताबिक गहलोत कैबिनेट में पायलट समर्थकों को जगह मिलेगी. पायलट खेमे से तीन से चार मंत्री बनाए जा सकते हैं. खबर यह भी है कि फर्स्ट टाइमर विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं मिलेगी. बताया जा रहा है कि अगस्त के पहले या दूसरे हफ्ते तक राजस्थान में फेरबदल हो सकता है. अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में 9 पद खाली हैं. सचिन पायलट 6 से 7 मंत्री पद चाहते हैं. सचिन को कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन में कोई बड़ा पद दिए जाने की चर्चा है. उनको महासचिव भी बनाया जा सकता है.

बीएसपी और निर्दलीय वियधाकों को मौका

राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार में निर्दलीय और बहुजन समाज पार्टी से विधायकों को भी मौका मिलने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक बीएसपी से आए एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. तो वहीं 2 निर्दलीय विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. गौरतलब है कि 6 विधायक हैं जो बसपा से आए हैं और 13 निर्दलीय हैं. गौरतलब है कि अजय माकन ने सरकार को समर्थन देने वाले 118 विधायकों से फीडबैक लिया है. फीडबैक लेने के दौरान वह अकेले बैठे हुए थे. फीडबैक की पूरी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को भेज दी गई है.