पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। फर्जी सरकारी नौकरी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किए गए बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के करीबी सहयोगी राखल बेरा को अदालत ने तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। यही नहीं कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार से कहा है कि उनके खिलाफ आगे कोई भी एफआईआर दाखिल नहीं होनी चाहिए।
यदि ऐसा करना है तो फिर उसके लिए कोर्ट से परमिशन लेनी होगी। शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष हैं और अकसर टीएमसी सरकार के निशाने पर रहते हैं। एक दौर में ममता बनर्जी के सिपहसालार रहे शुभेंदु ने नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और ममता बनर्जी को उनके सामने हार का सामना करना पड़ा था।
जून में पश्चिम बंगाल पुलिस ने सुजीत डे नाम के शख्स की ओर से दायर शिकायत आधार पर राखल बेरा को गिरफ्तार किया गया था। डे ने अपनी शिकायत में राखल बेरा और कुछ अन्य लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके साथ सरकारी नौकरी का वादा कर ठगी की गई थी। उन्हें सिंचाई एवं वाटरवेज डिपार्टमेंट में नौकरी दिलाने का वादा किया गया था। शिकायत में कहा गया था कि राखल बेरा ने कोलकाता की एक सोसायटी में स्थित फ्लैट में एक कैंप आयोजित किया था। इसमें लोगों से नौकरियों का वादा किया गया था। जुलाई 2019 से सितंबर 2019 के दौरान यह कैंप लगा था।