क्या बीवी की जगह बेटी बन सकती है पिता की पेंशन की हकदार? नए नियम 2025 से फैमिली पेंशन पर
क्या बेटी बन सकती है पिता की पेंशन की हकदार? जानिए नए साल 2025 के नियम
नए साल 2025 में पेंशन से जुड़े कई नए नियम सामने आए हैं, जो पेंशनधारकों और उनके परिवारों के लिए महत्वपूर्ण हैं। खासकर यह सवाल कि क्या एक बेटी, अपने पिता की पेंशन की हकदार हो सकती है, इस पर नियमों में स्पष्टता दी गई है।
पेंशन के नियम और पात्रता
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद, उनके परिवार को “फैमिली पेंशन” के रूप में आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके तहत, पति-पत्नी, बच्चे, माता-पिता और विकलांग भाई-बहनों को पेंशन का अधिकार होता है।
केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के अनुसार, अविवाहित, विवाहित और विधवा बेटियां भी फैमिली पेंशन पाने की हकदार होती हैं।
बेटी के पेंशन पाने की शर्तें
- उम्र सीमा: बेटी की उम्र 25 साल से अधिक होनी चाहिए, और उसके पास कोई आय का स्रोत नहीं होना चाहिए।
- वैवाहिक स्थिति: बेटी अविवाहित होनी चाहिए। अगर उसकी शादी हो जाती है, तो वह पेंशन के लिए पात्र नहीं रहेगी।
- विशेष परिस्थिति: मानसिक या शारीरिक विकलांगता के मामले में बेटी को जीवनभर पेंशन मिल सकती है।
- तलाकशुदा या विधवा बेटियां: ऐसी बेटियां भी पेंशन की पात्र होती हैं, जब तक उनकी पुनर्विवाह नहीं हो जाता।
गोद ली गई बेटी का अधिकार
गोद ली गई बेटी के मामले में फैमिली पेंशन देने पर निर्णय संबंधित अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है। हालांकि, गोद ली गई बेटियों के लिए भी पेंशन के अधिकार सुरक्षित रखे गए हैं।
दोहरी पेंशन का प्रावधान
यदि माता और पिता दोनों सरकारी कर्मचारी थे, तो बेटी दो पेंशन लेने की पात्र हो सकती है। हालांकि, दोनों पेंशनों की कुल राशि ₹1,25,000 प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए।
विकलांग बेटियों के लिए विशेष प्रावधान
शारीरिक या मानसिक विकलांग बेटियों को जीवनभर पेंशन का अधिकार है। यह सुविधा उन्हें अन्य सभी शर्तों के बिना दी जाती है।
नए नियम और विस्तृत जानकारी
भारत सरकार ने पारिवारिक पेंशन से जुड़े नियमों को स्पष्ट किया है, ताकि बेटियों और अन्य पात्र सदस्यों को उनका अधिकार मिल सके। यह नियम न केवल परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि समाज कल्याण की दिशा में भी एक बड़ा कदम हैं।
सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों से जुड़े ऐसे और भी नियम 2025 में लागू किए गए हैं। इसके तहत निजी नौकरी, छात्रों, बैंक खाता धारकों और अन्य वर्गों के लिए भी कई बदलाव किए गए हैं।
निष्कर्ष
फैमिली पेंशन के नए नियम बेटियों के अधिकारों को मजबूत करते हैं। इन नियमों के तहत, बेटियां अपने पिता की पेंशन की हकदार बन सकती हैं, बशर्ते वे निर्धारित शर्तों को पूरा करती हों।