चंडीगढ़: हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसर (अंग्रेजी) भर्ती परीक्षा के नतीजों पर बवाल मच गया है। परीक्षा में फेल हुए कई उम्मीदवारों ने अपनी आंसर शीट की कॉपी मांगी है और पंचकूला में हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया है। उनका आरोप है कि परीक्षा का मूल्यांकन ठीक से नहीं हुआ है और आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस मामले में हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि HPSC इस पर विचार कर रहा है।
दरअसल 613 असिस्टेंट प्रोफेसर (अंग्रेजी) की खाली सीटों के लिए हुई परीक्षा में सिर्फ 151 उम्मीदवार ही पास हुए हैं। यह संख्या पदों की तुलना में बहुत कम है। एक फेल हुए उम्मीदवार ने बताया कि अब तक 23 लोगों ने अपनी आंसर शीट देखने के लिए RTI (सूचना का अधिकार) आवेदन किया है। HPSC के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आंसर शीट दिखाई जा सकती हैं और उनका परीक्षा सिस्टम एकदम सही है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महापाल धांडा ने माना है कि कुछ उम्मीदवारों ने उनसे इस बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि हमने HPSC को सिफारिश की है कि इस मामले को सुलझाया जाए। आयोग इस पर गौर कर रहा है। मंत्री ने यह भी बताया कि HPSC इस मामले की समीक्षा कर रहा है। हालांकि HPSC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवारों की शिकायतों के बाद मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा की गई थी, लेकिन उसमें कोई कमी नहीं पाई गई।
उम्मीदवारों ने अपनी RTI अर्जियों में कई सवाल पूछे हैं। वे जानना चाहते हैं कि हर सवाल के लिए कितने नंबर दिए गए, मूल्यांकन के लिए कौन सी मॉडल उत्तर कुंजी इस्तेमाल की गई और कट-ऑफ मार्क्स तय करने और उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने की क्या प्रक्रिया अपनाई गई। फेल हुए उम्मीदवारों ने नतीजों को बहुत ही अजीब बताया है। उनका कहना है कि मूल्यांकन के तरीके से आरक्षण का फायदा लगभग खत्म हो गया है। उन्होंने बताया कि 301 आरक्षित पदों के लिए सिर्फ 17 उम्मीदवार ही पास हुए, जबकि 312 सामान्य श्रेणी के पदों के लिए 134 उम्मीदवार पास हुए।
उम्मीदवारों ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे ही नतीजे आते रहे तो सैकड़ों टीचिंग की नौकरियां खाली रह जाएंगी। उन्होंने शुक्रवार को HPSC के अधिकारियों से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लिखा था कि 613 पदों के लिए आयोग ने सिर्फ 151 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया है, जो कि बहुत ही असामान्य और गलत है। चिंता की बात यह है कि शॉर्टलिस्ट हुए उम्मीदवारों में से 88% से ज्यादा सामान्य श्रेणी के हैं। वहीं EWS, BC(A), BC(B), ESM, DSC और OSC जैसी आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवार लगभग बाहर हो गए हैं। यह भारी गड़बड़ी संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन करती है और आरक्षण के उद्देश्य को ही खत्म करती है।
एस्पिरेंट्स ने चेतावनी दी कि ऐसे नतीजे में सैकड़ों टीचिंग पोस्ट खाली रह जाएंगी, जिससे हरियाणा में पब्लिक एजुकेशन पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वे एग्जाम कैंसिल करने की नहीं, बल्कि सुधार के उपायों की मांग कर रहे हैं। कैंडिडेट ने बहुत ज़्यादा सख़्त मार्किंग को ठीक करने के लिए मॉडरेशन या ग्रेस मार्क्स मांगे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगर HPSC राहत नहीं देता है तो वे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट जाएंगे। हालांकि, HPSC के अधिकारियों ने कहा कि इवैल्यूएशन प्रोसेस ट्रांसपेरेंट और फेयर था, जिससे पता चलता है कि कैंडिडेट्स की लिखने की कमज़ोरी की वजह से यह नतीजा निकला होगा।













































