पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को भविष्य की रणनीति का ऐलान कर सकते हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहला मौका है, जब कैप्टन सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने आ रहे हैं। कुछ अवसरों पर कैप्टन अलग-अलग साक्षात्कार के दौरान अलग पार्टी बनाने और बीजेपी के प्रति अपना नरम रुख होने का दावा कर चुके हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह इस समय विरोधियों से ज्यादा अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं। अमरिंदर सिंह बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने, पाकिस्तानी महिला मित्र अरूसा आलम समेत कई मुद्दों पर अपनों की ही आलोचना का शिकार हो रहे हैं। अमरिंदर की ओर से बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जहां इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। वहीं सभी की नजरें अमरिंदर के अगले राजनीतिक फैसले पर लगी हुई हैं।
यही नहीं अमरिंदर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन सभी विधायकों के शामिल होने को लेकर भी अटकलें चल रही हैं, जो अमरिंदर की सरकार में तो मंत्री थे लेकिन चन्नी सरकार में मंत्री बनने से चूक गए हैं। ऐसे में अगर वह सभी विधायक अमरिंदर के मंच पर आते हैं तो पंजाब में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है। वर्तमान में कांग्रेस के 15 विधायक अमरिंदर सिंह के संपर्क में हैं। इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार रहे कैप्टन संदीप संधू और केवल ढिल्लों कैप्टन को छोड़ चुके हैं।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेताओं के बीच तनातनी के बीच फंसी पाकिस्तान की पत्रकार अरूसा आलम बेहाद निराश हैं। अमरिंदर सिंह की बेहद करीबी अरूसा आलम ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के नेताओं से बेहद निराश हैं और कभी वापस भारत नहीं आएंगी, क्योंकि वह आहत हैं और उनका दिल टूट गया है।अरूसा आलम ने कहा, ‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि वे इतना नीचे गिर सकते हैं। सुखजिंदर रंधावा, पीपीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी (नवजोत कौर सिद्धू) लकड़बग्घा हैं, वे कैप्टन को शर्मिंदा करने के लिए मेरा इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।’