पंजाब में हुए घटनाक्रम के कारण देशभर में कांग्रेस की बड़ी किरकिरी हो रही है। इसका जिम्मेदार नवजोत सिंह सिद्धू को बताया जा रहा है। वहीं सिद्धू के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह एक्शन में हैं। कल उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से अठटकों का बाजार गर्म है। कहा जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में आने का फैसला कर चुके हैं। बस दोनों पक्षों के बीच फॉर्मूला तय होना है। अटकलें हैं कि भाजपा कैप्टन अमरिंदर सिंह को केंद्र में मंत्री पद दे सकती है। इससे पार्टी को पंजाब में एक बड़ा सिख चेहरा मिल जाएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह कृषि कानूनों को लेकर चल रहा विवाद खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर ताजा खबर यह भी है कि अमित शाह के बाद उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हो सकती है। वहीं, उनकी मुलाकात कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद समेत कांग्रेस के असंतुष्ट जी-23 से भी हो सकती है।
अमित शाह और कैप्टन के बीच क्या बात हुई
अमित शाह और कैप्टन की मीटिंग में क्या हुआ, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन कहा जा रहा है कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन की पृष्ठभूमि में कैप्टन की ओर से शाह को कुछ प्रस्ताव दिए गए हैं। मुलाकात के बाद कैप्टन ने ट्वीट कर कहा, उन्होंने कृषि कानून खत्म करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी और फसल विविधीकरण में पंजाब की मदद के लिए अपील की। लेकिन सूत्रों के अनुसार इसका आधार सियासी है। हालांकि उनके एक करीबी ने बताया कि उन्होंने शाह के साथ पंजाब के सुरक्षा हालात पर भी चर्चा की।
सीएम चन्नी ने दिया नरमी का संकेत:
इस बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नरम रुख अपनाने के संकेत देते हुए कहा कि पंजाब के हित में अपना कोई फैसला वापस लेना पड़ा तो वह ले लेंगे। बुधवार को मीडिया से बातचीत में चन्नी ने कहा कि नवजोत सिद्धू पार्टी के अध्यक्ष हैं और पार्टी के सिद्धांत से ही सरकार चलती है। अध्यक्ष ही पार्टी का प्रमुख होता है। अध्यक्ष को परिवार में बैठकर मजबूती से अपनी बात रखनी चाहिए। बोले, मैंने प्रदेश अध्यक्ष से फोन पर बात की थी। सिद्धू ने मुझे कहा कि वह समय देंगे। जब सिद्धू के पास समय होगा तो हम बैठक कर लेंगे।