पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से शुरू हुई कैप्टन Vs सिद्धू की जंग, उठी कार्रवाई की मांग।

Parmod Kumar

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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। कैप्टन के खिलाफ बागी विधायक और 4 मंत्री आज देहरादून में प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करने वाले हैं। मंत्रियों में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी शामिल हैं। पंजाब कांग्रेस में बगावत के सुर एक बार फिर उस वक्त उठ रहे हैं जब कश्मीर और इंदिरा गांधी पर विवादित पोस्ट को लेकर सिद्धू के सलाहकारों के खिलाफ मोर्चा खुला हुआ है।

इससे पहले मंगलवार को तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के सरकारी आवास पर बागी विधायकों और मंत्रियों की बैठक हुई। बताया जा रहा है कि यहां कैप्टन को सीएम पद से हटाने का प्रस्ताव पास हो गया था। हालांकि इस मामले में उस वक्त मोड़ आया जब देर रात एक पूर्व विधायक और छह विधायकों ने कैप्टन को हटाने की मुहिम में शामिल होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे लोग पूरी तरह से अमरिंदर सिंह के साथ हैं और कुछ लोग पार्टी में उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

पंजाब के ‘कैप्टन’ को बदलने की मांग
बैठक के बाद तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया और चरनजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से कहा कि उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व पर भरोसा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि कैप्टन को बदला जाए, तभी पंजाब में अगले चुनाव में कांग्रेस वापसी कर सकेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान लंबे वक्त से चल रही है। मंगलवार को उस वक्त यह और तेज हो गई, जब चार कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री को हटाने की खुले तौर पर वकालत करते हुए कहा कि वह कुछ प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं।

‘कड़े कदम उठाने की जरूरत’
यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री को हटाने का प्रयास किया जा रहा है, बाजवा ने कहा कि यह प्रयास नहीं बल्कि लोगों की मांग है। मुख्यमंत्री के नए चेहरे पर एक सवाल के जवाब में बाजवा ने कहा कि फैसला पार्टी आलाकमान लेगा। बाजवा ने कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने और राज्य की राजनीतिक स्थिति से उन्हें अवगत कराने के लिए समय मांगेंगे। उन्होंने कहा कि कड़े कदम उठाने की जरूरत है और अगर मुख्यमंत्री को बदलने की जरूरत है, तो यह किया जाना चाहिए।

‘हमें यकीन नहीं कि हमारे मुद्दों का अब समाधान होगा’
चरनजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से कैप्टन के उन वादों को लेकर निशाना साधा जो पूरा नहीं हुए। इन वादों में 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामलों में न्याय में देरी, मादक पदार्थ रैकेट में शामिल बड़े लोगों को पकड़ना और बिजली खरीद समझौतों को रद करना शामिल है। उन्होंने कहा कि बाजवा, सरकारिया, रंधावा और पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे। चन्नी ने कहा, ‘हमारे मुद्दे हल नहीं हो रहे हैं। हमें अब विश्वास नहीं है कि इन मुद्दों का समाधान किया जाएगा।’

चुनाव से पहले फिर बढ़ीं पार्टी की मुश्किलें
बाद में बाजवा, चन्नी, रंधावा और कुछ अन्य विधायकों ने पंजाब कांग्रेस भवन में सिद्धू के साथ बैठक की। सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ‘आपातकालीन बैठक के लिए तृप्त बाजवा जी का फोन आया। अन्य सहयोगियों के साथ उनसे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में मुलाकात की। आलाकमान को हालात से अवगत कराऊंगा।’ इस पूरे घटनाक्रम से सिद्धू की नियुक्ति के साथ पंजाब कांग्रेस में असंतोष को खत्म करने के लिए प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। इसी के साथ चुनाव से पहले राज्य में पार्टी की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही है।

7 नेताओं ने सीएम के खिलाफ विद्रोह से खुद को अलग किया
उधर देर रात मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि तृप्त बाजवा के आवास पर उपस्थित रहे छह विधायकों और एक पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विद्रोह से खुद को अलग कर लिया है। इनमें विधायक कुलदीप वैद, दलवीर सिंह गोल्डी, संतोख सिंह, अंगद सिंह, राजा वारिंग और गुरकीरत सिंह कोटली के अलावा पूर्व विधायक अजित सिंह मोफर शामिल हैं। मोफर ने कहा कि वह तो इस कथित बैठक में शामिल तक नहीं हुए थे जबकि वहां मौजूद एक कैबिनेट मंत्री से मुलाकात करने गए थे।