मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी का मामला, एनआईए ने बहादुरगढ़ के दो युवकों को पकड़ा मां बोली

parmod kumar

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आशीष की मां राजेश देवी ने बताया कि उसके बेटे के पास साहिल निवासी लाइनपार के फोन आते थे और वही उससे लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर फोन करवाता था। इसका बेटा 12वी पास हैं और आईटीआई से डिप्लोमा किया हुआ है। कई दिन पहले उसे एनआईए टीम अपने साथ ले गई थी। बताया गया है कि ये लोग गुरुग्राम के रहने वाले बॉबी कटारिया से भी जुड़े हुए है। एनआईए ने दिल्ली के मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, सिवान (बिहार) के पवन यादव उर्फ अफरोज उर्फ अफजल को भी पकड़ा है।

ये सभी संगठित तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा  जो आकर्षक नौकरियों की पेशकश के बहाने भारतीय युवाओं को विदेश में ले जाने और तस्करी करने में शामिल थे। एनआईए की जांच आरसी-09/2024/एनआईए/डीएलआई में यह राजफाश हुआ है। तस्करी किए गए युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्राइंगल एसईजेड और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य स्थानों पर फर्जी काल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था, जो भारत, लाओस और अन्य देशों के विभिन्न हिस्सों में स्थित आपरेटरों के माध्यम से विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित विशाल नेटवर्क का हिस्सा