CDLU: 28 आयु पार स्नातकोत्तर पास आउट को नहीं मिलेगा किसी अन्य कोर्स में नियमित दाखिला

Parmod Kumar

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चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हाल ही में एक नया फैसला लिया है। इसमें प्रावधान किया गया है कि अब किसी भी विषय में स्नातकोत्तर पास आउट 28 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थी को फिर किसी अन्य कोर्स में नियमित दाखिला नहीं मिलेगा। इस फैसले को लेकर जहां एक ओर विद्यार्थियों ने इसे गलत बताया है वहीं दूसरी ओर सीडीएलयू अधिकारियों ने विद्यार्थियों के लिए ही हितकारी कहा है। सीडीएलयू की शैक्षणिक परिषद ने पिछले वर्ष 30 दिसंबर को बैठक कर एक प्रस्ताव तैयार किया और इसे एजेंडा में रखकर पास करवा लिया। इसमें कहा गया है कि सीडीएलयू में संचालित स्नातकोत्तर कोर्सों में से पासआउट विद्यार्थी जो 28 वर्ष से अधिक का होगा, उसे दोबारा किसी अन्य कोर्स में नियमित दाखिला नहीं मिलेगा। लेकिन कुछ प्रोफेशनल कोर्स जैसे एमबीए, एलएलबी और पीएचडी को इस नियम से बाहर रखा है। इससे 28 वर्ष की आयु पार कर चुके वे विद्यार्थी प्रभावित होंगे जो एक बार स्नातकोत्तर डिग्री पूरी कर किसी दूसरे विभाग में दाखिला लेना चाहते हैं। अब उन्हें पढ़ाई करनी है तो डिस्टेंस माध्यम से करनी पड़ेगी। इस फैसले को कार्यकारी परिषद की आयोजित बैठक में भी पास करवा लिया गया और सात जनवरी को लागू भी कर दिया गया। सीडीएलयू प्रशासन का भी इस फैसले को लेकर अपना तर्क है। अधिकारियों का कहना है कि आम तौर पर कई विद्यार्थी एक बार एमए या स्नातकोत्तर डिग्री करने के बाद किसी दूसरे विषय में दाखिला ले लेते हैं।  इनमें कई विद्यार्थियों की मंशा पढ़ाई करने से ज्यादा नेतागिरी करने में रहती है। यहां फीस कम है, ऐसे में वे किसी न किसी विषय कोर्स में दाखिला लिए रहते हैं, ताकि उन्हें कोई आउटसाइडर न कह सके। वहीं, सीमित सीटें होने के कारण फ्रैशर विद्यार्थी दाखिला से वंचित रह जाते हैं। अधिकारियों का कहना है फिर भी यदि 28 वर्ष से अधिक का कोई व्यक्ति पढ़ाई करना चाहता है तो नियमित पढ़ाई के अलावा डिस्टेंस एजुकेशन का रास्ता खुला है। सीडीएलयू ने जो फैसला किया है वह विद्यार्थी हित में ही लिया है। कई बार अधिक आयु के व्यक्तियों के दाखिला होने के कारण फ्रेशर और जरूरतमंद विद्यार्थी दाखिला से वंचित रह जाता है। यदि वे पढ़ाई करना चाहें तो डिस्टेंस एजुकेशन का रास्ता खुला है। क्योंकि नियमित कोर्स में सीटें सीमित होती हैं और आवेदन बहुत ज्यादा आते हैं।