केंद्र सरकार ने संसद में दी जानकारी, एमएसपी से कम कीमत पर धान बिकने की नहीं मिली कोई शिकायत।

Parmod Kumar

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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम पर पर धान की खरीद किए जाने के संबंध में हरियाणा सहित किसी अन्य स्थान से कोई शिकायत नहीं मिली है. ग्रामीण विकास तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.

हरियाणा से कांग्रेस के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जानना चाहा था कि क्या सरकार को एमएसपी से कम मूल्य पर धान की खरीद किए जाने के संबंध में किसानों, विशेषकर हरियाणा के किसानों द्वारा शिकायत किए जाने की जानकारी है. इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग व भारतीय खाद्य निगम में हरियाणा सहित किसी भी अन्य स्थान से एमएसपी से कम पर धान की खरीद से संबंधित शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं.’

‘किसान अब बिचौलियों पर निर्भर नहीं हैं’

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने देश भर में किसानों के लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) की व्यवस्था लागू की है और इसके कार्यान्वयन के साथ ही अब किसान बिचौलियों पर निर्भर नहीं हैं और उन्हें अपने उत्पाद का भुगतान बिना किसी विलंब और कटौती के सीधे बैंक खाते में प्राप्त होता है. उन्होंने कहा, ‘एमएसपी के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से पारदर्शिता आई है और खरीद में लगने वाले वास्तविक समय की निगरानी हुई है.’

वर्ष 2021-22 के खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) के लिए हरियाणा में धान की खरीद के लक्ष्य संबंधी एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दौरान केंद्रीय पूल के तहत एमएसपी पर 60 लाख टन घान (चावल के रूप में 40 लाख टन) की खरीद का अनुमान लगाया गया है. उन्होंने कहा, ‘इस अनुमान की तुलना में इस वर्ष छह दिसंबर तक एमएसपी पर केंद्रीय पूल के अंतर्गत 55.30 लाख टन धान की खरीद की गई है.’

8 दिसंबर तक 326 लाख टन धान की हुई खरीद

केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर तक खरीफ मार्केटिंग सत्र (KMS) 2021-22 में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 326 लाख टन धान की खरीद की है. एमएसपी पर यह खरीद लगभग 64,000 करोड़ रुपए की है. अब तक 63,897.73 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के धान खरीद से लगभग 25.94 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं. चंडीगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 326 लाख टन धान की खरीद की गई है.