केंद्र सरकार का ऐलान, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम की रकम नहीं बढ़ाई जाएगी, सालाना 6000 रुपये ही मिलेंगे

Parmod Kumar

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किसान संगठनों की मांग को खारिज करते हुए केंद्र सरकार ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत सालाना मिलने वाली रकम में वृद्धि नहीं होगी. फिलहाल सालाना 6000 रुपये ही मिलेंगे. दसवीं किस्त आने से पहले सरकार ने कहा उन अटकलों पर विराम लगा दिया है जिनमें कुछ लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि पांच राज्यों में चुनाव और किसानों की नाराजगी को देखते हुए सरकार इस स्कीम की रकम में बढ़ोत्तरी कर सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2018 में किसानों को डायरेक्ट सहायता देने के लिए इस स्कीम की शुरुआत की थी. इससे पहले कभी किसानों को किसी भी सरकार से सीधे नगद मदद नहीं की थी. तब से अब तक 9 किस्त में 11.37 करोड़ किसानों को इस स्कीम के तहत 1.58 लाख करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं. किसान संगठन इसमें वृद्धि करके 24 हजार रुपये करने की मांग कर रहे थे.

इन्हें नहीं मिलेगा लाभ

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने यह भी कहा है कि भूमिहीन खेतिहर मजदूरों और बटाईदारों को इस योजना में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. योजना का लाभ भूमिधारक किसानों (Farmers) को ही मिलेगा. उस पर भी शर्त यह कि राज्य सरकार उसे किसान मानकर वेरिफाई करे, क्योंकि राजस्व राज्य का विषय है.

राज्य सरकार दे सकती है तोहफा

काफी समय से कुछ किसान संगठन और कृषि विशेषज्ञ इस योजना की रकम में वृद्धि करने की मांग उठाते रहे हैं. क्योंकि इससे किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है. इसका पैसा न तो कोई नेता खा पा रहा है और न ही कोई अधिकारी. कुछ कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी ही रकम मिलाकर राज्यों को भी देनी चाहिए. चर्चा यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार ऐसा ही कदम चुनाव में किसानों को रिझाने के लिए उठा सकती है. मध्य प्रदेश सरकार इसी स्कीम की तर्ज पर अपने किसानों को सालाना दो किस्तों में 4000 रुपये दे रही है.

इन लोगों ने दिया है सम्मान निधि में वृद्धि का सुझाव

-एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष इसे 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये करने की सलाह दे चुके हैं.
-स्वामीनाथन फाउंडेशन पीएम किसान स्कीम रकम को 15,000 रुपये सालाना करने का सुझाव दे चुका है.
-राष्ट्रीय किसान प्रोग्रेसिव एसोसिएशन (RKPA) के अध्यक्ष विनोद आनंद इसे 6000 से बढ़ाकर 24,000 रुपये करने की मांग कर चुके हैं.
-किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह इसे हर माह 2000 रुपये करने की मांग की है. उनका यह भी मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार अपनी तरफ से 4000 से 6000 रुपये दे सकती है.