हरियाणा में संयुक्त पात्रता परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है। अगस्त में संभावित परीक्षा को अब सितंबर में कराने की कोशिशें हैं। खास बात ये है कि अब सीईटी की परीक्षा कराने से हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने अपने हाथ खींच लिए हैं। आयोग ने यह परीक्षा हरियाणा सरकार की ओर से कराने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। आगामी एक से दो दिन में यह तय हो जाएगा कि परीक्षा आयोग कराएगा या हरियाणा सरकार। इसके बाद ही परीक्षा की तिथि तय हो पाएगी। हरियाणा सरकार की ओर से ग्रुप सी के 32 हजार पदों के लिए यह परीक्षा होनी है। परीक्षा के लिए 11 लाख 40 हजार परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया हुआ है। पिछले डेढ़ साल से बार-बार परीक्षा की तिथि बदल रही है। हरियाणा सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि परीक्षा अगस्त में होगी लेकिन एक बार फिर से पेंच फंस गया है। इस बार खुद आयोग ने परीक्षा से दूरी बनाने का फैसला लिया है। आयोग का कहना है कि जिस प्रकार से एचटेट परीक्षा हरियाणा सरकार आयोजित कराती है, उसी तर्ज पर सीईटी की परीक्षा भी हरियाणा सरकार ही कराए। बताया जाता है कि परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी। दूसरा पेंच ये भी आ रहा है कि एनटीए एक ही दिन परीक्षा कराने की तैयारी में जबकि आयोग की ओर से शिफ्ट वाइज परीक्षा की योजना थी। प्रदेश में परीक्षा केंद्रों को लेकर अभी तय नहीं हो पाया है कि परीक्षा एक ही दिन होगी या फिर शिफ्टों में। इस बारे में एचएसएससी के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि सीईटी परीक्षा हरियाणा सरकार से कराने के लिए पत्र लिखा है। हरियाणा में शिक्षा विभाग में खाली 38 हजार पदों को पक्की भर्ती कराने के लिए भावी अध्यापकों ने सोशल मीडिया पर अभियान शुरू किया है। ट्वीट कर भावी टीजीटी, पीजीटी, पीआरटी, जेबीटी और कॉलेजों के लिए पात्र युवाओं ने इस संबंध में सीएम से मिलने का समय भी मांगा है। उनकी मांग है कि शिक्षा विभाग में एनजीओ और कौशल रोजगार निगम की ओर से अध्यापकों की कच्ची भर्ती न की जाए, बल्कि इन पदों पर स्थाई नियुक्तियों के लिए नई भर्ती निकाली जाए। सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता ढुल की अुगवाई में इस अभियान को चलाया जा रहा है।