हिसार जिले के 887 सरकारी स्कूलों में जेबीटी से लेकर पीजीटी, टीजीटी व मुखियाओं की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। इन पदों को भरने के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी व रेशनेलाइजेशन का सहारा लिया जा रहा है। इसके बावजूद स्थित खराब है। बिना गुरुजी के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं सरकार की ओर से शिक्षकों के पदों को खत्म करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में शिक्षकों के खाली पदों और विद्यार्थियों के भविष्य पर ‘खत्म’ की तलवार लटक रही है। शिक्षकों का कहना है कि जिन स्कूलों मेें प्राचार्यों के पद खाली हैं उन स्कूलों में वरिष्ठ प्राध्यापकों को स्कूल संभालना पड़ रहा है व साथ ही विद्यार्थियों को पढ़ाना पड़ता है। जिस कारण अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है। शिक्षकों के खाली पद भरने व नई भर्ती करने की मांग को लेकर शिक्षक संगठनों द्वारा निरंतर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। जिले में कुल 887 सरकारी स्कूल है, जिनमें 506 प्राइमरी स्कूल है। इनमें 99 मिडिल स्कूल, 5 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, 118 हाई स्कूल, 152 सीनियर सेकेंडरी स्कूल व छह आरोही माडल स्कूल शामिल हैं। शिक्षक संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार इन सरकारी स्कूलों में करीब 8550 शिक्षक कार्यरत होने चाहिए। इनमें से करीब 2893 पद खाली हैं। अभिभावकों ने कहना है कि एक तरफ तो सरकार देश को विश्वगुरु बनने का सपना दिखा रही है, वहीं स्कूलों में शिक्षकों के पद खत्म किए जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों के बाहर ग्रामीण व अभिभावक प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों की जो मांग है कि वह हमें लिखकर दे रहे हैं। उनकी मांग को हम निदेशालय को भेज रहे हैं। विभाग में काफी समय से शिक्षकों की संख्या पूरी नहीं है। अकेले जिले में करीब 2893 शिक्षकों के पद खाली हैं।