नवंबर में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं दिवाली के बाद ठंड और बढ़ोतरी होगी।
- नवंबर में धीरे-धीरे घटेगा पारा
- हेल्दी मौसम की होगी शुरुआत
- दिन-रात के के पारे में आएगा अंतर
नवंबर में धीरे-धीरे गर्मी में नरमी आएगी वहीं पारा गिरने से जाड़ा बढ़ेगा। हालांकि ठंड ने अपना असर दिखाना अभी से शुरू कर दिया है। शाम के बाद से सर्दी का अहसास होने लगा है। रात के समय बाहर निकलने पर गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होने लगी है। सुबह की धूप लोगों को सुहाने लगी है। गुरुवार को अधिकतम पारा 31.6 व न्यूनतम पारा 17.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक नवंबर में पारा गिरने के साथ ही हेल्दी मौसम की शुरुआत हो जाती है। दूसरे पखवाड़े यानी दीपावली के बाद बंगाल की खाड़ी से एक विक्षोभ बनने की संभावना है। इसका असर मध्य भारत में चार-पांच दिन तक रहेगा। जिसके कारण सागर में भी 15 से 22 नवंबर के बीच बौछारें पड़ने की संभावना है। इसके बाद तापमान गिरेगा और ठंड बढ़ेगी।
आद्रा हवाओं की जगह उत्तरी हवाएं चलेंगी जिससे वातावरण सर्द होगा। कभी कभार आसमान में हल्के बादल बने रहेंगे। इसमें सुबह शाम बहुत सुहावनी होगी। माह के दूसरे पखवाड़े में तड़के हल्के कोहरे की शुरुआत हो जाएगी। ज्यादातर दिनों में आसमान साफ बना रहेगा और दिन सामान्य होंगे।
नवंबर का मौसम बहुत अधिक तेजी से परिवर्तनकारी नहीं होता है। इस बार भी नवंबर लगभग ऐसा ही बना रहेगा। मौसम के मिजाज में ज्यादा परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। ठंड की शुरुआत तो अच्छी होगी पर यह चुभेगी नहीं।
1996 में सबसे ठंडा था नवंबर
मौसम विभाग के मुताबिक 1926 को नवंबर महीने में सबसे ज्यादा पारा गिरा था। 20 नवंबर 1926 को पारा छह डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंच गया था। वहीं अधिकतम पारे की बात करें तो 2 नवंबर 1966 को दिन का तापमान 37.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। सबसे अधिक बारिश 1979 में 211 मिलीमीटर दर्ज की गई थी। 1 नवंबर 1979 को 24 घंटे में 105.2 मिमी बारिश हुई थी।