याचिका दाखिल करते हुए बृज लाल ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसकी बेटी की शादी मई में तय है। ऐसे में शादी में शामिल होने के लिए उसे दो सप्ताह की पैरोल दी जाए। याचिका पर जब नोटिस जारी हुआ तो पंजाब सरकार ने बताया कि याची को एक बार पहले पैरोल दी गई थी और तब वह फरार हो गया था। इसके बाद एक अन्य मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था। हिरासत में रहते हुए उसने मार्च, 2024 में बेटी की शादी की दलील देते हुए पैरोल की मांग की थी। उसके आचरण को देखते हुए आवेदन को रद्द कर दिया गया था।
इसके बाद उसने हाईकोर्ट की शरण ली थी और हाईकोर्ट में दाखिल याचिका उसने वापस ले ली थी। अब बेटी की शादी की तारीख आगे बढ़ाकर उसने फिर से उसी कारण के लिए पैरोल मांगी है और वह भी पिछली याचिका की बात छुपाकर। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रवैया अपनाते हुए याची को जमकर फटकार लगाई है। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि यदि वह जेल में मौजूद नहीं होता तो उस पर मोटा जुर्माना लगाया जाता।