हरियाणा में गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज स्वास्थ्य विभाग का पिछले माह 5 अक्तूबर से कामकाज नही देख रहें हैं। जल्दी ही अब इस मसले का हल निकलने के संकेत हैं। प्राप्त सूत्रों के अनुसार हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बुलावे पर उनसे मिले। संकेत हैं कि अनिल विज ने सीएम के सामने अपनी सारी बात खुल कर रखी।
सूत्रों के अनुसार अनिल विज की सीएम मनोहर लाल से हुई मीटिंग के सार्थक परिणाम जल्दी निकल सकते हैं। अनिल विज मनोहर पार्ट वन व पार्ट दो दोनों में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अनेकों क्रांतिकारी कदम उठा चुके हैं। कोरोना के दौरान भी आक्सीजन सिलेंडर लगा कर हरियाणा सचिवालय लगातार आवागमन जारी रखा।
स्वास्थ्य विभाग में क्रांतिकारी सुधार का यह केवल कार्य अंबाला कैंट या शहर में नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में इसी प्रकार से जारी हैं। यमुनानगर, शाहाबाद, पानीपत, कुरुक्षेत्र में अस्पतालों में लगातार कार्य चल रहे हैं। बहादुरगढ़ के अस्पताल का अभी उद्घाटन हुआ है। इसी प्रकार गुड़गांव में 700 बेड का मल्टीनेशनल अस्पताल बना दिया है। प्रदेश में टूटी-फूटी 162 पीएचसी को तोड़कर नए बनाने के आदेश अनिल विज ने दिए हैं। अब वह जमाना बीत गया जब टूटी-फूटी बिल्डिंग में टपकती छत और पुराने लड़खड़ाते पंखे के नीचे 300 मरीजों की लाइन के इलाज के लिए बैठे एक चिकित्सक से हम उम्मीद करते थे कि वह अमेरिका जैसा व्यवहार करें।
अनिल विज मानते हैं कि उसके लिए हमें वैसा ही माहौल देना होगा। अब अच्छी बिल्डिंग अच्छे पंखे-एसी लगाकर देने का कार्य हुआ है। अंबाला छावनी में बने कैंसर अस्पताल में पूरे उत्तर भारत के मरीज आते हैं। अब चिकित्सक एक ओर कैंसर अस्पताल बनाने की मांग कर रहे हैं। मैंने भी कहा है कि मनोहर लाल के खजाने में पैसा ही पैसा है, जितने कहोगे बनाकर दे देंगे। हमने अंबाला में आर्मी से कैंसर अस्पताल के विस्तार के लिए 14 एकड़ जमीन की मांग की है। जहां हमारा स्पांइल इंजरी सेंटर मंजूर है, हम आईसीयू भी बना कर देंगे। जिन सरकारी अस्पतालों में पहले चोट पर पट्टी का भी इंतजाम नहीं होता था, उनमें आज प्लास्टिक सर्जरी और स्टंट डालने का काम हो रहा है। मेरे चार अस्पतालों में कैथलब चल रही है। किसी ने नहीं सोचा था कि सरकारी अस्पतालों में दिल का कभी इलाज होगा।
अनिल विज मानतें है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती करने के लिए हमने स्पेशल कैडर बनाना है, ताकि जरूरत के मुताबिक हम भर्ती कर पाएं। कहां गायनी, कहां आई और कहां हर्टस्पेशलिस्ट की आवश्यकता है उसके कैडर बनाकर उसी हिसाब से भर्ती होंगे और हरियाणा एक पहला राज्य है जिसने इससे संबंधित मैपिंग करवाई है। विज ने बताया कि केंद्र ने इस कार्य से खुश होकर एक करोड़ का इनाम भी दिया है। लेकिन फिर भी कुछ पढ़े-लिखे लोग मैपिंग की जरूरत पर प्रश्न चिन्ह लगाकर अपनी सोच को प्रदर्शित कर रहे हैं। पहले किसी की सिफारिश, किसी विधायक मंत्री के कहने पर या लोगों के जोर से अस्पताल खोले जाते थे। लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी सुविधा जरूरत मुताबिक देनी चाहिए। कमजोर-गरीब लोग जिन्हें जरूरत है, लेकिन वह मांग नहीं कर पा रहे, हम उन्हें भी अस्पताल देंगे। इसके लिए मैपिंग करवाई गई है। मेरे पास सारा डाटा होगा और डाटा के मुताबिक ही कितने बेड, कितने डॉक्टर और कितने स्पेशलिस्ट की कहां जरूरत है, वहीं उसी हिसाब से सुविधा दी जाएगी।
70 साल केवल अंधेरे में लाठियां मारी जाती रही हैं। ना ही डाटा, ना ही इस तरफ किसी ने ध्यान दिया। आगे नया अस्पताल इसी रिपोर्ट के मुताबिक होगा। ना ही किसी चाचा, ताए, नाना, मामे और पापे के कहने से बनेगा। यह अंधेरगर्दी मनोहर सरकार में नहीं हो सकती। मनोहर सरकार डबल इंजन वाली विकास करने वाली सरकार है। मोदी-मनोहर राज में चंद्रयान उतरा, पहले इस किसी प्रधानमंत्री ने नहीं सोचा था। मोदी को काम लेना-करवाना और चलाना आता है। काम लेने के लिए उनका दृष्टिकोण और उनकी सोच है। इसीलिए देश चारों ओर तरक्की कर रहा है।