सीएम मनोहर लाल ने दोबारा जगाई उम्मीद
सीएम मनोहर लाल ने 24 जून 2018 में सदलपुर में जलपान कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने आदमपुर को नगरपालिका बनाने की मांग को स्वीकार करते हुए भाजपा नेताओं को निर्देश देते हुए सभी पंचायतों से बात करने की जिम्मेवारी सौंपी थी. बाद में विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा उठा तो भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट ने इस पर ध्यान देना आरंभ किया. चुनाव हारने के बाद वो आदमपुर में ज्यादा सक्रिय हो गई. नगरपालिका बनाने के लिए उन्होंने प्रयास को और अधिक तेज कर दिए. वहीं जजपा से चुनाव लड़े रमेश गोदारा ने डिप्टी सीएम के दरबार में कई बार आदमपुर को नगरपालिका बनाने की अर्जी लगाई।
नींव का पत्थर ले गए चोर
1991 में आदमपुर को उपमंडल का दर्जा देने के बाद भजनलाल ने यहां प्रशासनिक भवन बनाने के लिए जमीन भी हुडा विभाग से ले ली थी. तहसील कार्यालय व खंड विकास कार्यालय के बीच ली गई इस जमीन पर बकायदा प्रशासनिक भवन के शिलान्यास का पत्थर भी लगाया गया था. समय बीतता गया लेकिन बाद की सरकारों ने इस पूरे मामले को लटका दिया. इसके चलते शिलान्यास का पत्थर भी यहां से गायब हो गया. अब इस जमीन पर गडरिया-लुहार बस्ती बनी हुई है।
बिना भेदभाव प्रदेश में विकास
डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा की आदमपुर को नगरपालिका का दर्जा देकर मुख्यमंत्री ने यह सिद्ध कर दिया कि वे बिना भेदभाव प्रदेश में विकास करवा रहे हैं. भाजपा का विधायक न होते हुए भी आदमपुर को मुख्यमंत्री ने विशेष सौगात दी है. इससे पहले सीसवाल और बालसमंद गांव में भी परियोजनाओं का उद्घाटन मुख्यमंत्री कर चुके हैं. आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई की विधानसभा में हाजिरी ना के बराबर है. वह कभी आते नहीं तो लोगों की आवाज क्या उठाएंगे मगर मुख्यमंत्री आदमपुर हलके के लोगों के साथ हैं।