मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी फेलोशिप:जनवरी से हरियाणा में फिर शुरू होगी योजना, जेन-जी बनेगी शासन की ताकत

parmodkumar

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युवाओं की ऊर्जा, मेधा व सोच को हरियाणा सरकार अपनी ताकत बनाएगी। सुशासन में इस युवा पीढ़ी का सहयोग लिया जाएगा और उसे अपना भी भविष्य बनाने का मौका दिया जाएगा। विशेष प्रक्रिया के तहत युवाओं का चयन किया जाएगा। इन्हें सुशासन सहयोगी बनाया जाएगा।

इस योजना का मकसद देश के प्रतिभावान युवाओं को चुनना और उन्हें एक साल तक राज्य की विभिन्न योजनाओं के साथ जोड़ना है। जिलों में प्रशासन के साथ जुड़ने वाले युवाओं को उपायुक्त एक योजना की जिम्मेदारी देंगे। ये युवा उस योजना की निगरानी, कार्यान्वयन और कमियों को तलाश कर उपायुक्त को फीडबैक देंगे। उपायुक्त फीडबैक के आधार पर योजनाओं को मजबूत करेंगे।

दो साल से बंद थी योजना

इसे मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी फेलोशिप कार्यक्रम नाम दिया गया है जो कि एक जनवरी 2026 से फिर शुरू होने जा रहा है। हालांकि 2016 में इसकी शुरुआत हो चुकी थी लेकिन दो साल से यह बंद थी। पिछला बैच 2022-2023 में चुना गया था। उस दौरान पूरे देश से लगभग 2500 युवाओं ने आवेदन किया था जिसमें 24 युवा चुने गए। योजना से जुड़े युवाओं ने कृषि, गरीबी उन्मूलन, ई-गवर्नेंस, शिक्षा और सेवा वितरण में कई प्रमुख पहल कीं जिसका फायदा सीधे तौर पर राज्य सरकार व जनता को मिला था।

अब सरकार देगी एक लाख रुपये

इसलिए अब सरकार इस योजना को नए रूप में शुरू करेगी। पहले राज्य सरकार अशोका यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर ऐसा कार्यक्रम चलाती थी। पहले सरकार 80 हजार रुपये देती थी, अब एक लाख रुपये दिए जाएंगे। कार्यक्रम पूरा होने के बाद राज्य सरकार इनमें से कई युवाओं को अपने साथ जोड़ लेती है। अब भी ऐसे 27 से 28 युवा सरकार के साथ काम कर रहे हैं। योजना सरकारों नई सोच वाली युवा शक्ति की सहयोग मिलता है और नई सोच वाले मेहनती युवाओं को भविष्य बनाने का मौका। हाल ही में छत्तीसगढ़ ने भी इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। वहां हर महीने 50 हजार रुपये दिए जाते हैं।

25 युवा होंगे चयनित, हरेक को मिलेंगे एक लाख रुपये

इस कार्यक्रम में 25 युवाओं को चयनित किया जाएगा। इनमें से 22 युवाओं को 22 जिलों में उपायुक्त कार्यालय व तीन को मुख्यालय में तैनात किया जाएगा। चयनित युवाओं को एक लाख रुपये के अलावा आवास, यात्रा व मोबाइल भत्ता अलग से। आवेदन करने वाले युवाओं को विभिन्न चयन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा। इनमें मुख्य मापदंड उम्र का होगा है। आवेदन करने वाले युवा की उम्र 28 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। किसी भी विषय में स्नातकोत्तर व हिंदी का ज्ञान जरूरी है। इसके साथ ही मल्टीटास्किंग व विश्लेषणात्मक क्षमता और टीम नेतृत्व की भावना भी परखी जाएगी। चयन के बाद इन युवाओं को एक महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और उन्हें फिर फील्ड में भेजा जाएगा। यह एक फेलोशिप कार्यक्रम होगा।