गिड़गिड़ाते रहे बच्चे, नहीं मिला इलाज; छोटे-छोटे बच्चों के सामने पिता ने तोड़ दिया दम, अस्पताल पर लापरवाही के आरोप

lalita soni

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father dies in front of small children hospital accused of negligence

शहर के भारत नगर में संदिग्ध परिस्थितियों में छत से सिर के बल गिरने से जय नारायण नाम के व्यक्ति की मौत होने का मामला सामने आया है। मृतक जय नारायण के छोटे-छोटे बच्चों ने आरोप लगाया है कि उनके पिता अरुण नाम के व्यक्ति के पास बैठकर ड्रिंक कर रहे थे, जिस दौरान अरुण नाम के व्यक्ति के दोस्त ने उनके पिताजी का गला पकड़ा था और मारपीट करने की धमकी दी थी।  जिसके बाद से उनके पिताजी टेंशन में थे और जिस वक्त वह घर पर दीपावली के उपलक्ष में बम पटाखे जला रहे थे तो अचानक उनके पापा छत पर पहुंचे और नीचे गिर पड़े। इसके बाद आनन-फानन में एंबुलेंस को फोन किया लेकिन एंबुलेंस करीब डेढ़ से 2 घंटा लेट पहुंची। इतना ही नहीं, बच्चों ने आरोप लगाया कि लेट एम्बुलेंस पहुंचने के बाद भी ना तो एंबुलेंस में कोई डॉक्टर था और ना ही सिविल अस्पताल में पहुंचने के बाद उनके पिताजी का कोई उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी एंबुलेंस में करीब एक घंटा तक पड़े रहे लेकिन किसी ने कोई उपचार नहीं किया। यह कहते रहे कि डॉक्टर नहीं हैं और थोड़ी देर बाद मृत घोषित कर पोस्टमार्टम हाउस में उनके पिताजी को रखवा दिया।

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मृतक जयनारायण के बेटे भविष्य ने बताया कि सिविल अस्पताल में पहुंचने के बाद भी उनके पिताजी जीवित थे और उन्होंने उनका हाथ पकड़ा हुआ था और उनसे कहा था कि वह उन्हें बचा लें लेकिन किसी ने कोई इलाज नहीं दिया। वह वहां मौजूद लोगों से कहते भी रहे कि हम अपने पिताजी को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाएंगे, लेकिन किसी ने जाने नहीं दिया। मृतक जयनारायण के बेटे भविष्य ने बताया अगर एंबुलेंस समय पर पहुंच जाती और उनके पिताजी को उपचार मिल जाता तो आज वह जिंदा होते। पिता की मौत के बाद सिविल अस्पताल में मौजूद मृतक जयनारायण के बेटे भविष्य और बेटी नव्या का रो-रो कर बुरा हाल है।

बता दें कि मृतक जयनारायण की पत्नी बचपन में ही बच्चों को छोड़कर चली गई थी। जिसकी बाद में मृत्यु भी हो गई थी। अब अचानक बच्चों के सिर से बाप का साया भी उठ जाने से बच्चों के पालन पोषण और रोटी कपड़े का भी संकट आ गया है। दोनों बच्चों के रिश्तेदार और पड़ोसी पूरे मामले को लेकर न्याय और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि वह अच्छे इंसान थे और बच्चों की मां के जाने के बाद जूतियों की दुकान चलाकर वही बच्चों की परवरिश कर रहा था। पड़ोसियों का कहना था कि अब इन बच्चों का क्या होगा अब कौन इनको पालेगा। मृतक जयनारायण के रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने बच्चों के भविष्य की खातिर मुआवजे की मांग भी की है।

फिलहाल मृतक जयनारायण के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस पूरे मामले को लेकर क्या कार्रवाई करती है और बच्चों के भविष्य को लेकर क्या कदम उठाती है। वहीं पानीपत के सीएमओ से टेलिफोनिक बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है क्योंकि विश्वकर्मा दिवस के दिन छुट्टी होती है।