हरियाणा कांग्रेस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का प्रभाव काफी हद तक कायम हो चुका है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब कांग्रेसी विधायक पूर्व सीएम के पुत्र और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को हरियाणा का भावी सीएम बताने लग गए हैं। ऐसे में अब आने वाले दिनों में कांग्रेस में गुटबाजी और उभर सकती है। हरियाणा के फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा ने नगर निगम घोटाले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर वस्त्र त्याग दिए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद राज्यसभा सांसद उन्हें कपड़े पहनाने के लिए अयोध्या में राम मंदिर लेकर पहुंचे। इस मौके पर नीरज शर्मा ने भगवान से प्रार्थना की कि दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा के सीएम बनें। हरियाणा कांग्रेस में 31 विधायक हैं। इनमें से 25 विधायक हुड्डा खेमे में हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद पर भी हुड्डा ने अपने गुट के ही उदयभान को बैठाया है। हुड्डा के चलते ही कुलदीप बिश्नोई को यह पद नहीं मिल सका। हालांकि हुड्डा गुट का प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कम होने के आसार नहीं हैं। कुमारी सैलजा ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ तालमेल न बैठने के लिए चलते अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कुलदीप बिश्नोई भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए जोर आजमाइश कर रहे थे, परंतु कुलदीप को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाया गया। इसके बाद कुलदीप नाराज हो गए। दरअसल हुड्डा खेमा पहले दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष की कमान दिलाना चाहता था, परंतु बात न बनती देखकर उसने दलित कांग्रेसी नेता उदयभान का नाम सुझा दिया, जिस पर आलाकमान ने मुहर लगा दी और कुलदीप बिश्नोई की बजाए उदयभान को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया। कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष का हुड्डा गुट से होने पर शाहबाद के पूर्व विधायक अनिल धंतौड़ी विरोध कर चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया था कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अपने खडाऊं रख दिए हैं। कांग्रेस पार्टी कभी सोच हुआ करती थी, आज एक व्यक्ति है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी की जेब में है।