राजस्थान के धौलपुर में हुए पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मार ली है. बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे सिंधिया का गढ़ माने जाने वाले धौलपुर में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी की अंदरूनी कलह का असर पंचायत चुनाव में भी देखने को मिला है. खेमों में बंटने की वजह से बीजेपी के हाथ से जिला प्रमुख का पद भी चला गया है. साथ ही पंचायत समितियों में भी बीजेपी को करारी हार झेलनी पड़ी है. धौलपुर में पार्टी को मिली हार के लिए बीजेपी की अंदरूनी कलह को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
राजस्थान में बीजेपी में आपसी फूट खुलकर सामने आ गई है. पंचायत चुनाव में इसका बड़ा नुकसान पार्टी को उठाना पड़ा है.राजस्थान बीजेपी के भीतर अंदरूनी कलह का अंदाजा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के जन्मदिन पर लगी होर्डिंग से लगाया जा सकता है. 24 अक्टूबर को पार्टी की तरफ से लगे होर्डिंग में वसुंधरा राजे को जगह नहीं दी गई थी. इसमें सिर्फ पीएम मोदी, अमित शाह और सांसद डॉ मनोज राजोरिया के ही फोटो लगाए गए थे. हालांकि बाद में सांसद ने उनका फोटो लगाए जाने पर आपत्ति जाहिर की थी. लेकिन होर्डिंग से अंदरूनी गुटबाजी पूरी तरह खुलकर सबके सामने आ गई.
धौलपुर सीट पर बीजेपी की करारी हार
धौलपुर में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. यहां पर पांच पंचात समितियां, धौलपुर, बसेड़ी और राजखेड़ा पहले से ही कांग्रेस के कब्जे में थीं. वहीं सैफऊ बीएसपी के कब्जे में थी. हालांकि यह सीट भी बाद में कांग्रेस के पास आ गई थी. बीजेपी के पास सिर्फ बाड़ी पंचात समिति थी. नई पंचात समिति सरमथुरा बनने के बाद पंचात समितियों की संख्या 6 हो गई थी. इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ सैफऊ पंचायत समिति में ही स्पष्ट बहुमत मिला है. बसेड़ी और सरमथुरा में निर्दलीय का कब्जा है. दीगर में देखान होगा कि जोड़तोड़ कर किस पार्टी का प्रधान बनता है.
कांग्रेस की जीत पर अशोक गहलोत ने जताई खुशी
धौलपुर में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में कांग्रेस की जीत पर सीएम अशोक गहलोत ने खुशी जताई है. बता दें कि शुक्रवार को चुनाव का रिजल्ट घोषित होने के बाद से कांग्रेस जीत का जश्न मनाने में जुट गई.
राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार धौलपुर जिला परिषद के 23 सदस्यों के लिए चुनाव हुआ. इसमें कांग्रेस 17 जबकि बीजेपी छह सीटों पर जीती है. दोनों जिलों में पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में कांग्रेस 208, बीजेपी 158 एवं निर्दलीय 113 सीटों पर विजयी रहे. वहीं बीएसपी के 12 उम्मीदवार जीते.