विधानसभा में सीएम ने साफ की तस्वीर : कहा- जेबीटी की नई भर्ती नहीं होगी, डाइट में दाखिले बंद रहेंगे

Parmod Kumar

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नई शिक्षा नीति में नहीं रहेगी जेबीटी की जरूरत, मांग कम हुई
शिक्षक कम होने पर फिर लागू होगा 1:30 शिक्षक-छात्र अनुपात हरियाणा में जेबीटी की नई भर्ती नहीं होगी। अभी प्रदेश में जेबीटी सरप्लस हैं। मेवात कैडर में ही सिर्फ 900 पद खाली हैं, जिन्हें तबादलों, प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरा जाएगा। डाइट में दाखिले बंद ही रहेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शून्यकाल में यह जानकारी दी। वह कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल की तरफ से 1057 स्कूल बंद करने, डाइट में दाखिला न होने सहित उठाए गए मुद्दों का जवाब दे रहे थे।मुख्यमंत्री ने अतिथि शिक्षकों को लेकर पूर्व कांग्रेस सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस सरकार लगाकर छोड़ गई, मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इसके बाद इन्हें पूर्व भाजपा सरकार ने सेवा सुरक्षा प्रदान की। इन्हें शिक्षा विभाग में समाहित करने पर शिक्षकों की संख्या बढ़ी है। इन्हें समाहित करने के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात 1:25 करना पड़ा। शिक्षक कम होने पर इसे फिर 1:30 करेंगे, चूंकि पूरे देश में यही लागू है। नई शिक्षा नीति को हरियाणा में 2030 के बजाय 2025 तक लागू करेंगे। अभी जेबीटी की जरूरत नहीं, इसलिए डाइट में दाखिले बंद किए हैं। भविष्य में मांग बढ़ने पर 50 डाइट खोलने से भी पीछे नहीं हटेंगे लेकिन अभी किसी को अंधेरे में नहीं रखा जाएगा। प्रदेश में वही स्कूल बंद किए जा रहे हैं, जहां एक किलोमीटर के दायरे में 2-2 प्राथमिक या मिडिल स्कूल हैं। जहां एक किलोमीटर दायरे में कोई स्कूल नहीं हैं, वहां बच्चों के बाहर पढ़ने जाने पर परिवहन खर्च दे रहे हैं। वर्तमान सरकार ने स्कूलों में फर्जी दाखिले रोके हैं। दो लाख बच्चे इससे कम हुए। इनका दाखिला निजी व सरकारी स्कूल दोनों जगह था। शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसा कर रहे थे। सीएम ने कहा, नौकरी व मांग अनुरूप शिक्षा की योजना लंबे समय के लिए बनानी पड़ती हैं। सीएम ने कहा कि चाहे अध्यापक भर्ती की बात हो, डॉक्टर या इंजीनियर लगाने का मामला हो, लंबी प्लानिंग की आवश्यकता होती है। एक समय था जब इंजीनियर की डिमांड बहुत ज्यादा थी। आज उसमें कमी आई है। आज के दौर में डॉक्टर्स की बहुत अधिक जरूरत है। हालांकि यह पहले भी थी पर आज और भी ज्यादा है। इसलिए अब हम प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने पर अत्याधिक ध्यान दे रहे हैं।

विधायकों की मांगें बजट योजनाओं में होंगी शामिल : सीएम
मनोहर लाल विधायकों की मांगों को बजट योजनाओं में शामिल कराएंगे। उन्होंने विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र की मांगें लिखकर भेजने को कहा है। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर विधायकों को कोई सुझाव देना है तो बिंदुवार दें। मांगों को न रखें। मांगें अलग से भेजें, जनहित व पूरा होने वाली मांगों को योजनाओं में शामिल कर पूरा किया जाएगा। मांगें रखने की नई परंपरा बजट क्लॉज पर चर्चा के दौरान शुरू न करें। हांसी के विधायक विनोद भ्याणा और जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने हांसी को जिला बनाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई। भ्याणा ने कहा कि हांसी तो 1857 से पहले जिला था। यह तो 1857 की क्रांति की मार झेल रहा है। कांग्रेस विधायक शमशेर गोगी ने असंध को जिला बनाने की मांग रखी।अफसरों की कार्यप्रणाली से खफा विधानसभा समितियों के सभापतियों
विधानसभा समितियों के सभापतियों ने गुरुवार को बजट सत्र के अंतिम दिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर जमकर सवाल उठाए। अंबाला शहर से विधायक असीम गोयल ने कहा कि अफसर विधानसभा की समितियों को हल्के में लेते हैं। बुलाने पर बहाने बनाते हैं। कुछ तो बहाने ऐसे हैं जो सदन में नहीं बताए जा सकते। स्पीकर साहब आप तो खुद लोक लेखा समिति के सभापति रहे हैं। अधिकारी समय से जवाब तक नहीं देते, इसलिए बैठकों में शामिल होने व समय से जवाब भेजने के लिए निर्देश जारी करें। गोयल ने स्पीकर ने हर तीन महीने में समितियों के सभापतियों के साथ बैठक करने और सरकार के प्रशासनिक सचिव स्तर के अधिकारियों से हर बैठक की रिपोर्ट लेने का आग्रह किया। विधायक सीमा त्रिखा, हरविंद्र कल्याण ने भी समितियों की बैठक की सिफारिशों पर अमल न होने की बात कही।