सीएम बोले ‘किसानों के लिए सिर कटा दूंगा’ इस बयान पर किसान ने कहा सिर नहीं, कृषि कानून वापस चाहिए

Parmod Kumar

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पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी हर वर्ग को साधने की कोशिश में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। वहीं उन्होंने किसानों के लिए बयान दिया था कि ये किसानों की सरकार है। किसानों पर कोई आंच आएगी, अगर आंच आई तो मैं अपना गला काट कर दे दूंगा। अगर किसान डूबा, तो देश डूब जाएगा, अर्थव्यवस्था डूब जाएगी। चन्नी के इस बयान के बाद किसान नेताओं ने कहा कि यह सब कहने की बातें हैं, नहीं तो वह अपना सिर काटकर देंगे और न ही हमें चाहिए। CM का किसानों से मिलने और बात करने का प्रस्ताव पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसानों से मिलने और बात करने का प्रस्ताव रखा था। इस बाबत किसान नेताओं जवाब देते हुए कहा कि अगर चन्नी किसान मोर्चे पर जाते हैं तो उन्हें वहां का स्टेज नहीं मिलेगा। पंडाल में बैठकर किसान नेताओं की बात सुननी होगी और वह वहां भाषण भी नहीं देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी राजनेता को सिंघु बॉर्डर में लगी संयुक्त किसान मोर्चा की स्टेज पर चढ़ने और भाषण देने की इजाज़त नहीं है।चरणजीत सिंह चन्नी मुलाक़ात के लिए आएं और पंडाल में बैठकर किसानों से बात कर सकते हैं

पंजाब के नए CM चरणजीत सिंह चन्नी का मास्टरस्ट्रोक, इस रणनीति के तहत करेंगे मतदाताओं के दिलों में घर कृषि कानून वापस करवाना चाहते हैं किसान किसान नेताओं का कहा कि हम कृषि कानून वापस करवाना चाहते हैं। अगर वह यह बिल वापस करवा सकते हैं तो उसके लिए कोशिश करें। आपको बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी पहली पत्रकारवार्ता के दौरान कहा था कि वह किसानों के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वह अपना सिर काटकर भी उन्हें दे देंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वह देर शाम अपने घर चमकौर साहिब पहुंचे। अनाज मंडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह एक बार सिंधु बॉर्डर जहां से कृषि कानूनों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है वहा पर जाना चाहा हुं, उस जगह पर नतमस्तक होना चाहता हूं। आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रधान बनने के बाद ताजपोशी समारोह में भी कहा था कि वह किसानों के पास जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि वह प्यासे हैं और किसान कुआं, लेकिन उनकी यह कहावत गलत हो गई थी। इसका विरोध भी हुआ था। ऐलान करने के बावजूद वह अभी तक किसानों से नहीं मिले हैं। इसके बाद सीएम चन्नी ने स्टेज से किसानों से मिलने जाने की इच्छा जाहिर कर राजनीतिक चर्चा जरूर छेड़ दी है। कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि राजनेता सिर्फ वोट लेने के लिए ही इस तरह की बयानबाजी करते हैं। CM बनते ही केन्द्र सरकार पर बरसे चन्नी, कहा- पंजाब कृषि आधारित राज्य है, कृषि क़ानून वापस ले सरकार नवनियुक्त CM चरणजीत सिंह चन्नी ने लगाई सौगातों की झड़ी आपको बता दें कि पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की पहली बैठक के दौरान अनुसूचित जातियों/ गरीबी रेखा से नीचे के घरेलू खपतकारों के लिए मुफ्त बिजली के यूनिट 200 से बढ़ाकर 300 यूनिट करने पर भी मशवरा किया गया। इस बाबत मंत्रिमंडल ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (बिजली) को अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के लिए कहा है ताकि ग़रीब और ज़रूरतमंद लोगों को राहत मिल सके। वहीं कैबिनेट बैठक में ग्रामीण जल सप्लाई स्कीमों के तहत चल रहे ट्यूबवेलों के बकाया बिजली बिलों को माफ करने पर राय शुमारी की गई। साथ ही ग्रामीण इलाकों में पानी की मुफ्त सप्लाई देने का भी फ़ैसला किया गया। मंत्रिमंडल बैठक में शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रमुख क्षेत्रों पर ख़ास तौर से ध्यान देने पर जोर दिया गया। वहीं आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग को आदेश दिया गया कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के लिए 32,000 घरों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द करवाया जाए।