फरीदाबाद: दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टरों उमर उन नबी और मुजम्मिल शकील के हॉस्टल कमरों से डायरी और कॉपियां मिली हैं। इनसे पता चला है कि वे पिछले दो साल से कई आतंकी हमलों की साजिश रच रहे थे। सूत्रों के अनुसार, इनमें कोडवर्ड्स, नामों, फोन नंबरों और तारीखों (8 से 12 नवंबर) से भरी पाई गई हैं। कई पन्नों पर ऑपरेशन शब्द बार-बार लिखा गया है, जिससे संकेत मिलता है कि दोनों किसी बड़े हमले की तैयारी में थे।
जांचकर्ताओं के मुताबिक, मुजम्मिल कमरा नंबर 13 और उमर उन नबी कमरा नंबर 4 में रह रहा था। दोनों की डायरियों से भारी मात्रा में सबूत मिले हैं। डायरी में 25 से 30 लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर जम्मू-कश्मीर, फरीदाबाद और आसपास के इलाकों के हैं। इससे सुरक्षा एजेंसियों को इस ‘व्हाइट कोट टेरर मॉड्यूल’ के नेटवर्क का खाका समझने में मदद मिली है। सूत्रों को कहना है कि यूनिवर्सिटी से जुड़े कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। इनमें अल-फलाह हॉस्पिटल का एक कंपाउंडर भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि ब्लास्ट के बाद कई टीमों ने फरीदाबाद, गुरुग्राम और दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की।
कोरोना काल में यूनिवर्सिटी से जुड़े
जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर और मुजम्मिल दोनों जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं और कोरोना काल के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। उमर वर्ष 2021 में विश्वविद्यालय में शामिल हुआ था, जबकि मुजम्मिल छह महीने बाद यहां आया। दोनों डॉक्टर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रहे थे, जहां से एटीएस और एनआईए की टीमों ने करीब 3,000 किलो अमोनियम नाइट्रेट, विस्फोटक सामग्री और संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डायरी में लिखे कोडवर्ड्स और तारीखें यह दिखाती हैं कि 8 से 12 नवंबर के बीच कुछ बड़ा करने की योजना थी। रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुआ धमाका उसी योजना का हिस्सा हो सकता है या गलती से समय से पहले हुआ विस्फोट भी संभव है।
सीसीटीवी फुटेज आई सामने
पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में उमर को ब्लास्ट से पहले कई जगहों पर कुछ अन्य लोगों के साथ देखा गया है। जांच के दौरान बुधवार को फरीदाबाद के खंडावली गांव से एक लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार (DL10CK-0458) बरामद की गई है। माना जा रहा है कि यह कार उमर की है। बम स्क्वॉड ने वाहन की जांच की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसमें विस्फोटक नहीं है। फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता यशपाल ने कहा कि हम यह जांच कर रहे हैं कि क्या इस कार का इस्तेमाल दिल्ली ब्लास्ट की साजिश में किया गया था।
अफजल गुरू के समर्थन में की थी पोस्ट
जांच एजेंसियों ने यह भी खुलासा किया है कि मुजम्मिल गनाई ने 30 अक्टूबर को गिरफ्तारी से पहले बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री को विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित किया था। उसी दिन उमर यूनिवर्सिटी छोड़कर फरार हो गया और उसके बाद कभी वापस नहीं आया। वह 21 से 25 अक्टूबर तक छुट्टी पर था। जांच एजेंसियों के अनुसार, इसी अवधि में उसने नेटवर्क के अन्य लोगों से संपर्क साधा।सूत्रों के अनुसार, मुजम्मिल के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच में यह पाया गया है कि उसने अतीत में अफजल गुरु (2001 संसद हमले के दोषी) के समर्थन में पोस्ट की थीं। इससे उसके कट्टरपंथी विचारों की पुष्टि होती है।











































