ई-दिशा केंद्र बिल्कुल खाली रहा है। इसके अलावा रतिया व टोहाना के ई-दिशा केंद्रों में भी काम ठप रहे। लोग काम करवाने के लिए आए, लेकिन किसी भी कर्मचारी के न मिलने के कारण उनको बैरंग लौटना पड़ा।
कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ के राज्य उपप्रधान सुखविंद्र सिंह व जिला अध्यक्ष देवीलाल ने बताया कि कंप्यूटर प्रोफेशन संघ लगातार लंबे समय से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत हैं। 11 सितंबर 2019 को भारतीय मजदूर संघ के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल की अध्यक्षता में सेवा नियम की सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद अब 4 साल से इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि उनकी मांग है कि डीआईटीएस का केंद्रीयकरण कर बजट का प्रावधान किया जाए। सभी कार्यरत कर्मचारियों के पद सृजित किए जाएं। एचकेआरएनएल में भेजे गए सभी कर्मचारियों को वापस डीआईटीएस में समायोजित किया जाए। 58 साल तक सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए, डीआईटीएस में कार्यरत कर्मचारियों को कैटेगिरी, पद व योग्यता के अनुसार समान काम समान वेतन का लाभ दिया जाए, पदोन्नति का लाभ दिया जाए।