राहुल गांधी ने कहा कि सरकार संसद का समय बर्बाद कर रही है. संसद में कार्यवाही के दौरान विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है. राहुल इससे पहले भी कई बार मोदी सरकार को पेगासस जासूसी कांड को लेकर घेर चुके हैं.
राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर बीते दिन यानी बुधवार को भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा किया था. विपक्ष लगातार मौजूदा मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने की आगे की रणनीति बना रहा है. बीते दिन यानी बुधवार को भी राहुल गांधी पेगासस को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल दाग चुके हैं. उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार ने पेगासस खरीद लिया है? उन्होंने कहा था कि केंद्र ने सदन में पेगासस के मुद्दे को उठाने से मना कर दिया है.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा “हमारे लोकतंत्र की बुनियाद है कि सांसद जनता की आवाज बनकर राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा करें. मोदी सरकार विपक्ष को ये काम नहीं करने दे रही. संसद का और समय व्यर्थ मत करो- करने दो महंगाई, किसान और पेगासस की बात!”
पेगासस को लेकर हंगामा
कुछ रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष का आरोप है कि भारत सरकार ने पेगासस (Pegasus) को खरीद लिया है. विपक्ष का ये तक कहना है कि सरकार ने अपने ही लोगों के खिलाफ पेगासस हथियार का इस्तेमाल किया. पेगासस मुद्दे को लेकर विपक्ष मानसून सत्र के पहले दिन से ही सरकार को घेरने की ताक में है. ऐसे में हंगामे के बीच दो हफ्ते में कई बार सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा है.
पेगासस क्या है?
पेगासस (Pegasus) एक ऐसा सॉफ़्टवेयर है, जिसे आपके डिवाइस की सभी एक्टिविटी को ट्रैक करने के लिए एक अटैकर द्वारा आपके स्मार्टफ़ोन पर इंस्टॉल किया जा सकता है. यह 2016 में सुर्खियों में आया था, जब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद मंसूर को अपने फोन पर एक लिंक के साथ देश में प्रताड़ित कैदियों के बारे में एक टेक्स्ट मैसेज मिला, जिसे उन्होंने सिटीजन लैब के रिसर्चर्स को भेजा था. जांच के बाद, यह पाया गया कि लिंक एनएसओ ग्रुप से संबंधित बेसिक स्ट्रक्चर से जुड़े हुए थे. तब से स्पाइवेयर बहुत डेवलप हो गया है और अब एक जीरो-क्लिक अटैक बनने में कामयाब रहा है.