कृषि बिल को लेकर सरकार और विपक्ष की तनातनी बढ़ती जा रही है। मंगलवार को कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की और जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, तब तक सदन का बहिष्कार करने का ऐलान किया। यह बात राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य गुलामनबी आजाद ने कही। इससे पहले कृषि बिल पेश किए जाते समय राज्यसभा में अभूतपूर्व हंगामा हुआ था। तब उपसभापति हरिवंश के सामने सदस्यों ने हंगामा किया था। अगले दिन हंगामा करने वाले आठ सदस्यों (डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलमारन करीम) को शेष सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद ये सदस्य संसद भवन परिसर में धरने पर बैठ गए। रात भी खुले आसमान के नीचे गुजारी। मंगलवार सुबह उपसभापति हरिवंश सभी के लिए चाय लेकर पहुंचे। हरिवंश ने कहा कि मैं उपसभापति हैसियत से नहीं बल्कि आपके साथी के तौर पर यहां आया हूं। हालांकि इस पर भी सदस्य नहीं माने और चाय पीने से इन्कार कर दिया। इससे आहत हरिवंश ने एक दिन का उपवास रखने की घोषणा कर दी। यह पूरा घटनाक्रम सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरिवंश की तारीफ की। पीएम मोदी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए लिखा, बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी। आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने श्री हरिवंश जी ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है। यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए, लेकिन आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को सवेरे-सवेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई।