जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला इन दिनों फरलो पर 2 हफ्ते के लिए जेल से से बाहर हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार के गठन के लिए जेजेपी और बीजेपी के गठबंधन पर हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत की। उन्होंने कहा कि चौटाला परिवार का सत्ता से दूर रहने का 14 वर्ष का वनवास खत्म हो गया है। परिवार में एकता की भी उन्होंने अपील की और अपने भाई और पिता से साथ आने को कहा। पेश हैं इंटरव्यू के अंश
क्या आप अपने पिता ओ. पी. चौटाला और अपने भाई अभय चौटाला से कोई अपील करना चाहेंगे?
मैंने हमेशा अपने परिवार में एकता कराने की कोशिश की है। अभी सोमवार को ही मैंने अपने सिरसा वाले घर में अभय चौटाला से मुलाकात की। हमने एक साथ खाना खाया और बातचीत की। मैं अपने पिता और भाई ओमप्रकाश चौटाला से वापस लौटने की अपील करता हूं।
सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के साथ आपने गठबंधन क्यों नहीं किया?
कांग्रेस से गठबंधन करने का कभी सवाल ही नहीं था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हमें गठबंधन के लिए ऑफर दिया था, लेकिन लगता है कि उन्हें यह याद नहीं था कि मैंने अपने जन्म से ही कांग्रेस का विरोध किया है। किसी भी पहलू से देखा जाए तो चौटाला परिवार कांग्रेस के खिलाफ रहा है। कांग्रेस ने ही हमें (अजय चौटाला और उनके पिता ओमप्रकाश चौटाला को) झूठे मामले में जेल भिजवाया था।
क्या आपने किसी मतलब को साधने के लिए बीजेपी से गठबंधन किया है?
क्या अगर हमारा कांग्रेस से गठबंधन होता तो वह मौकापरस्त न कहलाता (ओमप्रकाश चौटाला ने 2005 में राज्य के मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था) हमारे परिवार का 14 वर्ष का वनवास खत्म हो गया है। सत्ता में आकर हम जनकल्याण के लिए काम करेंगे। चुनाव में हमने जनता से जो वायदे किए थे, उन्हें हम पूरा करेंगे। बीजेपी हमारी पुरानी सहयोगी है। हमने केंद्र और राज्य में (इंडियन नेशनल लोकदल के एक हिस्से के रूप में) बीजेपी के साथ काम किया है। हम स्वाभाविक सहयोगी है। बीजेपी-जेजेपी गठबंधन प्रदेश की जनता की भलाई के लिए काम करेगा। प्रदेश के विकास के लिए कई परियोजनाओं को लागू करेगा।
क्या शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल की बीजेपी से गठबंधन कराने में कोई भूमिका थी?
बादल साहब हमसे बड़े हैं और वह निश्चित रूप से हमें कोई सलाह दे सकते हैं। मैं जेल में था। मैंने बादल साहब से केवल शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ही बातचीत की, लेकिन उन्होंने गठबंधन होने से पहले जरूर मेरे बेटे दुष्यंत से बात की होगी। दुष्यंत ने जेजेपी को अपने पैरों पर खड़ा किया। वह राज्य में एक मजबूत ताकत बनकर उभरे हैं। वह अब उपमुख्यमंत्री हैं और उनसे लोगों की बहुत सी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। दुष्यंत प्रदेश के लोगों की उम्मीद है।