सात सीटों पर दावेदारी को लेकर कांग्रेस में फंसा पेंच, सभी पर एक से ज्यादा दावेदारों ने बढ़ाई मुश्किल

Parmod Kumar

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पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का फैसला लेने में कांग्रेस के पसीने छूटने लगे हैं। फिलहाल छह सीटों पर उम्मीदवारों के एलान के बाद ही पार्टी के कई नेता नाराजगी जताने लगे हैं, वहीं बाकी बची सात सीटों पर एक से अधिक दावेदारों के कारण मुश्किल खड़ी हो गई है।

पंजाब कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार हाईकमान इसी हफ्ते बाकी सात सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर देगा। हालांकि इन सीटों के लिए पहले से हाईकमान को सौंपी गई संभावितों की सूची में कई नए दावेदार भी शामिल हो गए हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि ज्यादातर दावेदारों में पार्टी के सीनियर नेता और मौजूदा विधायक भी शामिल हैं।

दूसरी ओर, हाईकमान दावेदारों की भीड़ में उन्हीं चेहरों पर दांव लगाना चाह रहा है, जो चुनाव जीतने की क्षमता रखते हैं और संबंधित हलके में पार्टी वर्करों के साथ जिनका सही तालमेल हो। एक अन्य समस्या यह भी सामने आ रही है कि जिन हलकों में पार्टी छोड़ चुके कांग्रेसी नेता दूसरी पार्टियों के टिकट पर चुनाव में उतरे हैं, वहां कांग्रेस के स्थानीय काडर को संभालना भी जरूरी हो गया है।

पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं ने अपने रिश्तेदारों के लिए भी टिकट मांगे हैं। गुरदासपुर से कांग्रेसी विधायक वरिंदरमीत सिंह पहाड़ा अपने भाई के लिए टिकट चाह रहे हैं, जबकि होशियारपुर में पूर्व सांसद संतोष चौधरी की बेटी नमिता चौधरी टिकट के लिए दावेदारी पेश कर चुकी हैं। इस सीट पर पवन आध्या भी दावेदारी जता रहे हैं।

खडूर साहिब सीट पर मौजूदा संसद जसबीर डिंपा इस बार अपने भाई को टिकट दिलाना चाहते हैं, वहीं सीनियर नेता राणा गुरजीत सिंह भी अपने बेटे को सियासत में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।

जालंधर सीट से विधायक परगट सिंह टिकट की मांग कर रहे हैं वहीं यूथ कांग्रेस के नेता अमरप्रीत सिंह भी इस सीट से टिकट के इच्छुक हैं। फरीदकोट सीट पर सांसद मोहम्मद सदीक, पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह डैनी दावा जता रहे हैं, जबकि इस सीट पर हलके के वाल्मीकि वर्ग के पार्टी नेताओं में भी दावेदारी ठोक रखी है।