पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने अपने अंदरूनी उठापटक के बीच एक निर्णय लिया कि वह इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव में मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला का सहारा लेगी. इसमें कोई दो राय नहीं है कि पंजाबी युवाओं में सिद्धू मूसेवाला का क्रेज सिर चढ़कर बोलता है. लेकिन सिद्धू मूसेवाला का जिस तरह का इतिहास रहा है और जिस तरह के उन पर आरोप लगते रहे हैं उसे देखकर एक सवाल जरूर उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी अपने सियासी फायदे के लिए पंजाब के युवाओं को सिद्धू मूसेवाला की विचारधारा से प्रेरित करना चाहती है.
दरअसल 3 दिसंबर शुक्रवार को चंडीगढ़ में 28 साल के पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में पद या प्रशंसा हासिल करने नहीं, बल्कि इस सिस्टम का हिस्सा बनने आया हूं. हालांकि आपको बता दें कि सिद्धू मूसेवाला अपने गानों में हिंसा और गन कल्चर को बढ़ावा देने, अपने गाने से खालिस्तान अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन करने जैसे विवादों से भी घिरे रहे हैं.
पंजाब में युवा वोट बैंक का समीकरण समझिए
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सिद्धू मूसेवाला जैसे शख्स को इसलिए सामने कर रही है क्योंकि उसे लगता है कि यह करके वह पंजाब के लगभग 53 फ़ीसदी युवा मतदाताओं को अपनी ओर झुका लेगी. दरअसल पंजाब की कुल आबादी लगभग 2 करोड़ 80 लाख है, जिसमें 2 करोड़ वोटर हैं. अगर इन दो करोड़ वोटरों में युवा वोटरों की तादाद देखें तो यह लगभग 53 फ़ीसदी हैं, जिनकी उम्र 18 से 39 वर्ष के आसपास है. इन्हीं युवा वोटरों को साधने के लिए हर पार्टी प्रयासरत है. इसके लिए कोई रोजगार के वादे कर रहा है तो कोई बेहतर शिक्षा की बात कर रहा है. लेकिन कांग्रेस पार्टी को लगता है कि वह सिर्फ सिद्धू मूसेवाला को सामने करके पंजाब के युवाओं का वोट बटोर लेगी.
पंजाबी संगीत और युवाओं पर उसका प्रभाव
कुछ वक्त पहले तक या यूं कह लें कि आज भी पंजाब के ज्यादातर युवा नशे की लत से जूझ रहे हैं. इस पर एक फिल्म भी बन चुकी है उड़ता पंजाब. जिसमें दिखाया गया है कि कैसे पंजाब के युवा नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं. साल 2016 में AIIMS ने पंजाब में एक स्टडी कराई थी, जिसमें निकल कर आया था कि पंजाब में नशे की लत वाले लोगों में युवाओं की तादाद लगभग 76 फ़ीसदी है. इनकी उम्र 18 से 36 वर्ष है. कुछ जानकार युवाओं में फैल रहे इस नशे की बीमारी के लिए कुछ हद तक पंजाबी म्यूजिक को भी जिम्मेदार मानते हैं. दरअसल आपको इंटरनेट पर कई ऐसे सुपरहिट पंजाबी गाने मिल जाएंगे, जिसमें कलाकार ड्रग्स कल्चर को बढ़ावा दे रहा हैं. उसी तरह सिद्धू मूसेवाला अपने गानों में गन कल्चर को बढ़ावा देते दिखते हैं. जिसकी वजह से उन पर केस भी दर्ज हो चुका है.
एक नहीं कई विवाद सिद्धू मूसेवाला के नाम हैं
28 साल के इस लोकप्रिय पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के नाम एक नहीं बल्कि कई विवाद दर्ज हैं. 4 मई 2020 को सिद्धू मूसेवाला का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एके-47 बंदूक के साथ प्रशिक्षण लेते देखे गए थे. इस वीडियो में उनके साथ कुछ पुलिस अधिकारी भी दिखाई दे रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद पंजाब सरकार ने 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और सिद्धू मूसेवाला पर बरनाला पुलिस द्वारा शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. साल 2020 में ही जब मूसेवाला ने अपना गाना ‘संजू’ रिलीज किया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को ‘बैज ऑफ ऑनर’ बताया तो इसकी खूब आलोचना हुई. यहां तक कि ओलंपिक निशानेबाज अवनीत कौर सिद्धू ने भी इसकी आलोचना की थी. दिसंबर 2020 में ही सिद्धू मूसेवाला ने एक गाना ‘पंजाब’ रिलीज किया, जिसमें वह खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन करते दिखाई दे रहे थे.
कौन हैं सिद्धू मूसेवाला
सिद्धू मूसेवाला का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू है. यह पंजाब के मानसा जिले के मूसा गांव के रहने वाले हैं. सिद्धू मूसेवाला के पिता भोला सिंह एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी और किसान हैं. जबकि उनकी मां चरण कौर मूसा गांव की सरपंच हैं. सिद्धू मूसेवाला ने साल 2016 में लुधियाना के गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है. उनका पहला गाना ‘जी वैगन’ 2017 की शुरुआत में रिलीज हुआ था.