हरियाणा के पूर्व मंत्री संपत सिंह सोमवार को दोबारा से कांग्रेस का हाथ थामेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान की अगुवाई में प्रो. संपत सिंह चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। संभावना जताई जा रही कि प्रो. सिंह को आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ मैदान में उतारा जाएगा। बिश्नोई और प्रो. सिंह दोनों एक-दूसरे के धूर विरोधी हैं। कांग्रेस बिश्नोई को उपचुनाव में उनके घर में घेरने की तैयारी कर रही है। प्रोफेसर संपत सिंह का हिसार समेत आदमपुर में भी प्रभाव है और कांग्रेस इसे ही भूनाने के लिए दोबारा से उनको पार्टी में शामिल कर रही है। इससे पहले, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा चार अगस्त को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ संपत सिंह की मुलाकात करा चुका है। प्रो. संपत सिंह अब तक 13 चुनाव लड़ चुके हैं, इनमें से 6 जीते हैं। वह दो बार पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल से हारे हैं, एक बार आदमपुर विधानसभा से और एक बार हिसार लोकसभा से। शुरू से ही प्रो. संपत सिंह कुलदीप बिश्नोई एक-दूसरे विरोधी रहे हैं। वर्ष 2016 में कुलदीप बिश्नोई के दोबारा से कांग्रेस में आने के बाद 2019 में संपत सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उस समय संपत सिंह ने नलवा से टिकट कटने पर कुलदीप बिश्नोई पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसी कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। अब बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं ऐसे में आदमपुर में उपचुनाव तय है। भाजपा की ओर से आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई या उनके बेटा भव्य बिश्नोई चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस प्रो. सिंह पर दांव खेलने की कोशिश में है। संपत सिंह ने नलवा से 2009 में पूर्व सीएम भजनलाल की पत्नी जसमा देवी को हराया था। उसके बाद से ही संपत सिंह और भजन लाल परिवार दोनों एक-दूसरे खिलाफ रहे हैं। गौर हो कि पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री रहे संपत सिह 1980 से राजनीति में सक्रिय हैं। पिछले एक साल से उन्होंने राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बनाई थी और दोबारा से वह सक्रिय होंगे।
भाजपा पर कांग्रेस का पलटवार आज: कुलदीप बिश्नोई के धुर विरोधी पूर्व मंत्री संपत सिंह थमेंगे हाथ
Parmod Kumar