देश में जीएसटी बढ़ाने पर विचार, चार से तीन हो जाएंगे रेट, जानिए क्या है पूरा प्लान

Parmod Kumar

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देश में जीएसटी बढ़ाने पर विचार हो रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सरकार कुछ सामान और सेवाओं पर टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम पर ज्यादा सरल टैक्स रेट स्ट्रक्चर करने के मकसद के साथ विचार किया जा रहा है. गुड्स और सर्विसेज टैक्स पर पैनल, के दिसंबर में मिलने की उम्मीद है. इस पैनल की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं. इसमें वर्तमान के चार रेट वाले सिस्टम से बदलाव किया जा सकता है.

वर्तमान में चार जीएसटी रेट मौजूद

देश में मौजूदा समय में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाता है. इसमें कुछ जरूरी सामान जैसे खाने की चीजों पर सबसे कम दर और लग्जरी सामान पर सबसे ज्यादा दर से टैक्स लगता है.

सबसे कम दो रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है. ब्लूमबर्ग को यह मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे कम दो दरों में एक फीसदी प्वॉइंट का इजाफा किया जा सकता है. इन्हें बढ़ाकर 6 फीसदी और 13 फीसदी किया जा सकता है. इस चरणबद्ध योजना के तहत दरों को चार से घटाकर तीन पर लाया जाएगा. राज्य के वित्त मंत्री अगले महीने के आखिर तक इस मामले में अपने प्रस्तावों को सब्मिट कर सकते हैं.

ब्लूमबर्ग ने बताया कि उसने वित्त मंत्रालय को इस पर प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया. लेकिन वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है. जीएसटी दरों को बढ़ाने की यह योजना ऐसा समय पर की जा रही है, जब अगले साल की शुरुआत में देश के बड़े राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. इस कदम की देश में आलोचना की जा सकती है. अभी भारत कोरोना वायरस महामारी द्वारा किए गए नुकसान से ही उभर रहा है.

क्या है GST?

आपको बता दें कि जुलाई 2017 से सरकार ने जीएसटी लागू किया था. जब हम कोई प्रॉडक्ट खरीदते हैं या फिर कोई सर्विस लेते हैं तो हमें उसका टैक्स देना होता है. जीएसटी की ‘एक देश, एक टैक्स’ व्यवस्था के ​तहत आपको एक ही टैक्स देना होता है.

जीएसटी की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि किसी भी सामान या सर्विस पर इस टैक्स की दर पूरे देश में एक जैसी होती है. यानी देश ​के किसी हिस्से में मौजूद कस्टमर या कंज्यूमर को उस वस्तु या सेवा पर एक जैसा ही टैक्स देना होता है. जीएसटी को 3 प्रकार में बांटा गया है— सेंट्रल जीएसटी(CGST), स्टेट जीएसटी(SGST) और इंटीग्रेटेड जीएसटी(IGST).