हरियाणा में सिरसा के रानिया विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम वेरिफिकेशन पर विवाद

0
5

हरियाणा में सिरसा के रानिया विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम वेरिफिकेशन पर विवाद

 

 

हरियाणा में सिरसा के रानिया विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम वेरिफिकेशन पर विवाद

ईवीएम और वीवीपैट वेरिफिकेशन पर उठे सवाल

रानिया विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार सर्व मित्र कंबोज ने ईवीएम और वीवीपैट के डाटा वेरिफिकेशन को लेकर सवाल उठाए हैं। नौ बूथों की रिकाउंटिंग के लिए उन्होंने अपील दायर की थी, जिसमें गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, कांग्रेस उम्मीदवार ने प्रक्रिया पर असंतोष जाहिर करते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ बताया।

रिकाउंटिंग या वेरिफिकेशन?

सिरसा में जिला उपायुक्त और चुनाव अधिकारी के निर्देश पर 9 जनवरी से 13 जनवरी तक नौ बूथों की ईवीएम व वीवीपैट वेरिफिकेशन प्रक्रिया का आयोजन किया गया। कांग्रेस उम्मीदवार का कहना है कि इस वेरिफिकेशन में वास्तविक मतदान का डाटा नहीं दिखाया गया। इसके बजाय मॉक पोल कराए गए, जो कि चुनाव से पहले की प्रक्रिया होती है।

मॉक पोल की प्रक्रिया पर असंतोष

सर्व मित्र कंबोज ने आरोप लगाया कि मॉक पोल का उपयोग वास्तविक डाटा छुपाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि जिन नौ बूथों पर गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे, उनके डाटा को साफ कर मॉक पोल दिखाया जा रहा है। उन्होंने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए इसे बंद करवाने की मांग की और कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।

नौ बूथों पर गड़बड़ी के आरोप

कांग्रेस उम्मीदवार ने रानिया क्षेत्र के कुछ बूथों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इनमें संत नगर, बडोनिया, रामपुर थेड़ी, और अन्य गांवों के बूथ शामिल थे। उनका कहना है कि ईवीएम और वीवीपैट के आंकड़ों का मिलान होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

कोर्ट में लड़ाई जारी रहेगी

कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि वह इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इससे पहले, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। उनका कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वेरिफिकेशन नहीं होता, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

विधायक अर्जुन सिंह चौटाला, जो इस सीट से विजयी हुए, ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे हार स्वीकार नहीं कर रहे हैं और ईवीएम पर आरोप लगाकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी थी और कांग्रेस को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए।

निष्कर्ष

इस विवाद ने एक बार फिर से ईवीएम और वीवीपैट की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। जहां एक तरफ चुनाव अधिकारी प्रक्रिया को सही बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे राजनीति से प्रेरित और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ बता रहा है। अब इस मामले का अंतिम फैसला अदालत में ही होगा।