कोरोना काल में लगे लंबे लॉकडाउन के दौरान कपल्स को एक-दूजे के लिए मिला वक्त, तो रिश्तों में घुल मिठास गई। बरसों की रूटीन लाइफ में भर चुकी बोरियत दूर हुई और दंपतियों का मानो फिर से हनीमून पीरियड शुरू हो गया। जिंदगी में प्यार और रोमांस लौट आया। एक-दूसरे की परवाह और समझदारी ने इनके दाम्पत्य जीवन में ताजगी भर दी। इससे न सिर्फ उनके रिश्तों का तानाबाना और मजबूत हो गया, बल्कि कोरोना काल की नकारात्मकता से भी वे बचे रहे। ऐसे ही कुछ कपल्स ने साझा किए अपने अनुभव।
15 बरस बाद मिला एक-दूसरे में घुल जाने का वक्त
सेक्टर-22 निवासी प्रियंका बहल की शादी 15 साल पहले तरुण से हुई। प्रियंका पेजेंट कोच ट्रेनर और पति बिजनेसमैन हैं। वह अपने सास-ससुर और 2 बच्चों के साथ रहती हैं। उन्होंने बताया, ‘लॉकडाउन के दौरान कई बरसों बाद हमारे पास खूब समय था। कोरोना काल में हमें पैसों से ज्यादा जिंदगी की वास्तविकता, सच्ची खुशियों और खुशनुमा पल जीने का मौका मिला। उस समय घर के काम के लिए कोई मेड या हेल्पर नहीं थी। ऐसे में पति ने बहुत सपोर्ट किया। इस दौरान हमने वह सब किया, जो पहले मिस करते थे। जैसे हमारे वर्कआउट का समय अलग होता था। मैं इवनिंग और वह मॉर्निंग वॉक करते थे। एकसाथ एक्सरसाइज का रूटीन बनाया। मैं शुरू से ही बुक वर्म रही हूं, लेकिन इस दौरान मुझे देखकर तरुण को भी किताबों का शौक लग गया। पहले हम वीकेंड पर बाहर के खाने पर निर्भर रहते थे। अब वही सारा माहौल हमने घर पर बनाया। एक-दूसरे के लिए सरप्राइज टेबल तैयार करना, कैंडल लाइट डिनर। रात में छत पर प्रोजेक्टर लगाकर मूवी देखते थे। यह जो छोटे-छोटे प्यार से भरे पल थे, वो हमें और करीब ले आए और शादी के 15 साल बाद लगने लगा जैसे अभी हमारी शादी महीने भर पहली ही हुई है।’
छेड़छाड़, शरारतों ने लौटा दिया पहले वाला प्यार
जवाहर कॉलोनी, फरीदाबाद निवासी मेघा मंगला की शादी 11 साल पहले अमित मंगला से हुई। मेघा मेट्रो हॉस्पिटल में अकाउंटेंट हैं और उनके पति नोएडा के एक कंपनी में अकाउंटेट। वह बताती हैं, ‘पति को नोएडा से आते-आते रात के 10 बज जाते थे, लेकिन लॉकडाउन में हमें खूब साथ रहने का मौका मिला। जब ऑफिस जाना शुरू किया तो पति हर छोड़ने और लेते जाते। रास्ते में हम होममेड कोल्ड कॉफी और स्वीटकॉर्न खाते हुए जाते। हम शादी के बाद हनीमून पर नहीं जा पाए थे। 2 साल से एक-दूसरे के साथ पर्याप्त समय भी बिता नहीं सके थे। लेकिन, लॉकडाउन सच में हमारे लिए लंबे हनीमून की सौगात लेकर आया। पति ने जून से ऑफिस जाना शुरू कर दिया, लेकिन शाम 7 बजे तक घर भी आ जाते थे। फिर क्या कहने, तब तो बहुत समय मिल जाता था एक-दूजे के साथ। बच्चों के साथ भी समय बिताने का अच्छा समय मिला। किचेन में काम कर रही होती, तो वह पीछे से आ जाते। प्यार भरी छेड़छाड़, जैसे शादी के समय करते थे। मेरे प्लेट से खाना छीनकर खा लेना, कोई चीज छिपा देना और फिर मजे लेना। ऐसे पलों में हमारे दांपत्य जीवन में जान फूंक दी। पहले वाला प्यार, केयर और अट्रैक्शन लौट आया।’
इतना रोमांस तो शादी वाले साल में भी नहीं था
चार्मवुड विलेज, फरीदाबाद की सोनिया जखवाल की शादी 3 साल पहले नवीन से हुई। वह बताती हैं, ‘वर्क फ्रॉम होम के दौरान भी शनिवार और रविवार को हम दोनों का ऑफ रहता। मेरे पति ऑपरेशन्स मैनेजर हैं और मैं एक एजेंसी में काम करती हूं। सास-ससुर भी हमारे साथ रहते हैं। शादी के बाद हम हनीमून पर 10 दिन के लिए बाली (इंडोनेशिया) गए थे। लेकिन, लॉकडाउन में 4 महीने वाला यह हनीमून उन 10 दिनों से कहीं ज्यादा अच्छा रहा। बाली से लौटकर तो जिंदगी फिर से उसी पटरी पर आ गई थी। लेकिन, इन 4 महीनों में एक-दूसरे के लिए समय ही समय था। जिम, सिनेमा और थिएटर, सभी बंद रहे। इक-दूजे के करीब आने का यह अच्छा मौका रहा। एक-दूसरे के वर्क प्रेशर को जानने का भी मौका मिला। इससे आपसी समझदारी गहरी हुई। रिश्तों में ट्रांसपेरेंसी आ गई। वह भी अब छोटे-मोटे घरेलू कामें में मदद करने लगे हैं। इस बीच हमने जितना रोमांस किया, उतना शादी के पहले साल में भी नहीं किया।’
डेढ़ दशक में पहली बार मिला वक्त तो हुई रिबॉन्डिंग
इंदिरापुरम, गाजियाबाद की पल्लवी ढौंडियाल पांथरी की शादी 16 साल पहले अशोक पांथरी से हुई। पल्लवी पीआर प्रफेशनल और पति ऑटोमोबाइल कंपनी में में हैं। उन्होंने बताया, ‘हमारे 2 बच्चे हैं। प्राइवेट जॉब में इतना वक्त नहीं मिलता। जिस उम्र में हम हैं और 2 बड़े बच्चे हैं, तो पति-पत्नी के बीच सबसे अहम है आपसी समझ। लॉकडाउन के दौरान मिले वक्त से हम दोबारा एक-दूसरे को समझ सके। दोनों साथ में घर के काम करते थे। रिबॉन्डिंग का सुनहरा मौका मिला। हमारे बीच बहुत सारे गैप दूर हुए, जो हमें पता भी नहीं थे। हम साथ में उत्तराखंड स्थित अपने गांव गए। वहां टाइम बिताया, बहुत सारी पुरानी यादों को ताजा किया और रिफ्रेश होकर साथ में लौटे।’
16 साल बाद शादी में घुल गई प्यार की चाशनी
नीति खंड 1, गाजियाबाद की डॉ. संगीता वर्मा की शादी 16 साल पहले प्रदीप वर्मा से हुई थी। संगीता के पति मर्चेंट नेवी में कैप्टन हैं। वह बताती हैं, ‘हमें एकसाथ 6 महीने बिताने का सुनहरा मौका मिला। पहले लंबे समय के बाद उनका घर आना होता था। दूरी होने से रिश्तों में पहले जैसा जोश नहीं रह जाता, लेकिन कोरोना काल में यह दूरियां मिट गईं। हमें अपने रिश्ते को दोबारा से सींचने और करीब आने का मौका मिला। मैंने घर के काम के साथ बच्चों को पढ़ाने से लेकर केक बनाकर खूब एन्जॉय किया। मैंने शादी के समय तो हनीमून मनाया नहीं, लेकिन इन 6 महीनों में बहुत अच्छा लगा। न कोई बाहर जा सकता था और न कोई आ सकता था। लेकिन पति और बच्चों के एकसाथ होने से हमें किसी तरह का डर नहीं लगा। वैसे तो प्रदीप का स्वभाव थोड़ा रिजर्व वाला है लेकिन इस बार उनमे काफी बदलाव देखने को मिला। काफी फ्रेंडली होने की वजह से इतने सालों में जो गैप और रिश्ते में उदासी सी आ गई थी वह फिर ज़िंदा हो गई और प्यार की चाशनी एक बार फिर हमारे बीच घुल गई।