कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए करें आवेदन

Bhawana Gaba

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कोविड-19 संकट के कारण रोजगार गंवाने वाले, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) से जुड़े अंशधारक अटल बीमित कल्याण योजना के तहत अपने वेतन का 50 फीसद तक बेरोजगारी राहत पाने के लिये दावा कर सकते हैं। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईएसआईसी ने बेरोजगार हुए अपने सदस्यों को हाल में विस्तारित अटल बीमित कल्याण योजना के अंतर्गत आवेदन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत उन सदस्यों को राहत का भुगतान किया जाएगा जिनकी नौकरी कोविड-19 संकट के कारण गई है। इसमें कहा गया है कि ये दावे ईएसआईसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन किए जा सकते हैं। साथ ही दावों के संबंध में हलफनामा, आधार कार्ड की फोटोकॉपी और बैंक खाता विवरण ईएसआईसी के शाखा कार्यालय पर डाक द्वारा या स्वयं जाकर जमा किए जा सकते हैं।    बयान के अनुसार श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में ईएसआईसी ने अटल बीमित कल्याण योजना का 1 जुलाई 2020 से 30 जून 2021 यानी 1 वर्ष के लिए और विस्तार करने का फैसला किया है। मंत्रालय के अनुसार, ”कोविड-19 महामारी और इसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण अपना रोजगार गंवाने वालों का बेरोजगारी राहत भत्ता भी बढ़ाकर 50 फीसद करने का फैसला किया गया है, जो पहले 25 फीसद था।

ईएसआईसी शाखा कार्यालयों पर सीधे जमा करा आवेदन

मौजूदा दिशानिर्देश के तहत बेरोजगारी लाभ के लिये दावा नियोक्ता के माध्यम से करने की जरूरत होती थी। गंगवार के अनुसार कामगारों को बड़ी राहत देते हुए फैसला किया गया है कि बेरोजगारी लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन रोजगार या नौकरी गंवाने वाले श्रमिक चिन्हित ईएसआईसी शाखा कार्यालयों पर सीधे जमा करा सकते हैं। राहत की बढ़ी हुई दर और दावों के लिए आवेदन संबंधी सुविधा का लाभ 24 मार्च 2020 से 31 दिसम्बर 2020 के बीच जारी रहेगा। इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है। राहत राशि का भुगतान सीधे कामगारों के बैंक खातों में भेजा जाएगा। श्रम मंत्री ने ईएसआईसी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान में यह निगम 3.49 करोड़ परिवारों को विभिन्न लाभ एव सेवायें उपलब्ध कराता है।

21 हजार तक वेतन वाले को लाभ 

ईएसआईसी श्रम मंत्रालय के तहत आने वाला एक संगठन है जो 21,000 रुपये तक के कर्मचारियों को ईएसआईसी योजना के तहत बीमा प्रदान कराती है। यानी, जिन कामगारों की सैलरी 21000 रुपये प्रति महीना थी उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। ईएसआई के तहत देश की करीब 3.5 करोड़ परिवार शामिल हैं, जिसके कारण करीब 13.5 करोड़ लोगों को नकदी और स्वास्थ्य कवर का लाभ मिलता है।

1.8 करोड़ वेतनभोगियों ने गंवाई नौकरी

सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के कारण लॉकडाउन लगाए जाने के बाद अप्रैल से अब तक भारत में 1.8 करोड़ से अधिक वेतनभोगी कर्मचारियों अपनी नौकरी गंवा बैठे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में पचास लाख नौकरियों को फिर से चली गईं और वेतनभोगी कर्मचारियों की दुर्दशा लॉकडाउन शुरू होने के बाद से खराब ही होती रही हैं।