नूंह हिंसा के आरोपी गोरक्षा बजरंग फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिट्टू बजरंगी की जमानत याचिका पर बुधवार को नूंह कोर्ट में सुनवाई हुई।
नूंह हिंसा के आरोपी गोरक्षा बजरंग फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिट्टू बजरंगी को नूंह कोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी। आरोपी फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद है। आरोपी के वकील एल एन पाराशर ने कहा कि कोर्ट की कॉपी मिलने के बाद जेल प्रशासन से उसे रिहा कराया जाएगा। बिट्टू बजरंगी की जमानत याचिका पर बुधवार को नूंह कोर्ट में सुनवाई होगी।
बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने बताया कि बिट्टू बजरंगी को नूंह सदर पुलिस थाना द्वारा नूंह हिंसा का आरोपी मानते हुए 15 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल बिट्टू बजरंगी नीमका जेल फरीदाबाद में बंद है। बिट्टू की जमानत की अर्जी लगाई हुई थी, लेकिन 25 अगस्त को वापस ले लिया था। मंगलवार को दोबारा याचिका लगाई गई थी।
फरीदाबाद से 30 साल पुराना नाता
नूंह हिंसा में गिरफ्तार गौरक्षा बजरंग फोर्स के अध्यक्ष राजकुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी कास फरीदाबाद से 30 साल पुराना नाता है। स्थानीस लोगों के अनुसार वह 30 वर्ष पहले दिल्ली के ओखला से यहां आकर बसा था। दिल्ली वह सब्जी की रेहड़ी लगाता था। यहां कुछ सालों तक वह सब्जी बेचता रहा और रेहड़ी पटरी लगाते-लगाते एक हिंदू नेता के रूप में अपनी पहचान बना ली।
आसपास के लोगों के अनुसार बिट्टू ने धीरे-धीरे धार्मिक कार्यक्रमों में जाना शुरु किया। उसके बाद उसने एक हिंदू नेता के रूप में अपनी छवि बनाने की सूची और उसी दिशा में आगे चल पड़ा। छह-सात साल पहले वह अपने-आपको गौरक्षक बताने लगा। इसकी एवज में वह गायों की सेवा करना, बीमार पशुओं के इलाज कराने का काम करता था।
पशु तस्करों से पशुओं को छुड़ाने का भी काम
पिछले कुछ सालों में उसने पशु तस्करों से पशुओं को छुड़ाने का भी काम किया। लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाने के बाद उसने गोरक्षा बजरंग फोर्स नामक एक संगठन भी बनाया। जिसका वह राष्ट्रीय अध्यक्ष है। इस संगठन के नाम और पशुओं की सेवा करने पर उसे लोगों से चंदा मिलते हैं।
धीरे-धीरे उसके संगठन से हजारों लोग जुड़ गए। संठगन व बिट्टू बजरंगी के नाम से सोशल मीडिया पर कई अकांट्स हैं। वहां उनके द्वारा समय-समय भड़काऊ पोस्ट किए जाते रहते हैं। इनमें कई भडकाऊ पोस्ट भी शामिल हैं।