रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सोमवार को पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह समेत पांचों आरोपियों को सजा सुना सकती है. इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित 5 लोगों को इस केस में दोषी करार दिया था. वहीं, इस केस में आज आने वाले फैसले के मद्देनजर सिरसा में पुलिस अलर्ट (Police alert) पर है. शहर से डेरा सच्चा सौदा तक जाने वाले सभी रास्तों पर नाके लगाए गए हैं, तो अर्धसैनिक बलों को भी अलर्ट पर रखा गया है.
कानूनविदों के अनुसार जिन धाराओं के तहत कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया है, उनमें उम्रकैद और फांसी की सजा का प्रावधान है. डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को आईपीसी की धारा-302 और 120 बी के तहत दोषी करार दिया है. आईपीसी की धारा 302 में उम्रकैद और 120-बी में कम से कम सात साल और उम्रकैद की भी सजा सुनाई जा सकती है.
वहीं, पंचकूला में में धारा 144 लगा दी गई है. पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है. साथ ही किसी भी तरह के तेजधार हथियार को लेकर चलने पर भी प्रतिबंध है. सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेशद्वार पर आईटीबीपी की चार टुकड़ियां तैनात होंगी.
बता दें कि कुरुक्षेत्र निवासी रंजीत सिंह (Ranjit Singh Murder Case) की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 8 अक्टूबर को पंचकूला स्थित हरियाणा स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम, तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल को दोषी करार दिया था. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया था. वहीं, इससे पहले गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा हो चुकी है. इसके अलावा वह पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
ऐसे दिया था हत्याकांड को अंजाम
10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की उस समय हत्या हुई थी, जब वह अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहे थे. हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी रखी और वे धीरे से खेत से आ रहे रणजीत सिंह के पास पहुंचे और काफी नजदीक से उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था. गोलियां मारने के बाद हत्यारे फरार हो गए थे.
हत्यारों में पंजाब पुलिस का कमांडो सबदिल सिंह, अवतार सिंह, इंद्रसेन और कृष्णलाल आरोपी थे. यह भी मालूम हुआ था कि रणजीत सिंह की हत्या करने के बाद हत्यारों ने इस्तेमाल किए गए हथियार डेरे में जाकर जमा करवा दिए थे. रणजीत सिंह डेरा की उच्च स्तरीय प्रबंधन समिति का सदस्य था. वह डेरामुखी के काफी करीब माना जाता था.