केंद्र द्वारा धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक स्थगित करने से पंजाब की परेशानी बढ़ने के बीच केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसा किसानों के हितों की रक्षा के लिए किया गया है क्योंकि बेमौसम बारिश की वजह से अधिक नमी वाले धान को, खरीद केंद्रों पर खारिज किया जा सकता है और इसके परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान हो सकता है.
मंत्रालय ने कहा कि धान के नमूने – पंजाब और हरियाणा में सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जांचे गए. इससे पता चला कि पंजाब के धान में 18 से 22 प्रतिशत नमी थी, जबकि हरियाणा में 18.2-22.7 प्रतिशत नमी थी जबकि 17 प्रतिशत की अनुमति योग्य सीमा है.
बेमौसम बारिश के कारण अधिक हो गई है नमी की मात्रा
इसमें कहा गया है कि सितंबर के दूसरे पखवाड़े में बेमौसम बारिश के कारण दोनों कृषि प्रधान राज्यों में धान की फसल में नमी की मात्रा अधिक थी, जिससे खरीफ की खड़ी फसल प्रभावित हुई. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘इसी वजह से किसानों को असुविधा से बचाने और किसानों के हितों की रक्षा के लिए, भारत सरकार ने फैसला किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत धान की खरीद पंजाब और हरियाणा में 11 अक्टूबर, 2021 से शुरू होगी और सभी एजेंसियों को किसानों की मदद के लिए तैयार रहने की सलाह दी है.’ हरियाणा सरकार ने भी केंद्र को पत्र लिखकर बेमौसम बारिश की सूचना दी थी और धान में नमी की मात्रा में छूट देने का अनुरोध किया था.
मंत्रालय की तरफ से पंजाब और हरियाणा सरकारों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी एजेंसियों को पहले से आ चुके धान को सुखाने के लिए सलाह दें और आगे की उपज को पर्याप्त रूप से सुखाने के बाद ही मंडियों में लेकर आएं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि सितंबर के दौरान पंजाब और हरियाणा में सामान्य से क्रमश: 77 प्रतिशत और 139 प्रतिशत अधिक बारिश हुई.
MSP पर धान खरीद समाप्त करने की साजिश- कांग्रेस
अधिकांश स्थानों पर बारिश के कारण सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया. दोनों राज्यों के कुछ हिस्सों में 29 और 30 सितंबर को बारिश हुई थी. उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण धान के दानों की परिपक्वता में देरी हो रही है.
इस बीच, चंडीगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खरीफ धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक स्थगित करने के लिए केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह एमएसपी पर धान की खरीद को समाप्त करने की स्पष्ट साजिश है. पंजाब में 2021-22 के खरीफ विपणन सत्र के लिए धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होनी थी, जबकि हरियाणा में आधिकारिक तौर पर 25 सितंबर से शुरू होनी थी.