लू में झुलसी फसलें, 30 प्रतिशत तक नुकसान, कल से मौसम में बदलाव

parmod kumar

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कृषि उपनिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने कहा कि नुकसान का सही आंकड़ा फील्ड के अधिकारियों की रिपोर्ट से ही मिलेगा। लगातार लू चलने तथा तापमान सामान्य से अधिक बने रहने के कारण नुकसान हुआ है। अगेती फसलों में नुकसान सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि इस बार गर्मी के लंबे दौर से मूंग की फसल पर सबसे अधिक नुकसान हुआ।

करीब 40 प्रतिशत तक मूंग नष्ट हो चुकी है। कपास में 30 प्रतिशत तक का नुकसान हो चुका है। अगेती ग्वार की फसल 25 से 35 प्रतिशत तक झुलस कर सूख चुकी है। प्रदेश में करीब 10 लाख हेक्टेयर में कपास की बिजाई हुई है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक जिले में कपास को सबसे अधिक नुकसान है।

पिछले एक महीने में अधिकतम तापमान 48 डिग्री तक दर्ज किया गया है। तापमान लगातार अधिक बने रहने के चलते फसलों पर असर हुआ। अगर बीच में एक बार भी बारिश होती तो काफी बचाव रहता। 19 से मौसम में बदलाव आएगा। 22 से प्री मानसून की गतिविधियां शुरू होने के आसार हैं। – डॉ. एमएल खीचड़, विभाग अध्यक्ष, मौसम विभाग, एचएयू

सोमवार को जींद जिला सबसे गर्म रहा, यहां का अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री दर्ज किया गया। 11 जिलों में तापमान 46 डिग्री से अधिक रहा, जो सामान्य से 7 डिग्री तक अधिक है। अब रात को भी सुकून नहीं मिल पा रहा। दादरी में रात का तापमान 34.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पश्चिम विक्षोभ के चलते 19 जून से मौसम में बदलाव दिखेगा।